Jaya Ekadashi 2024 Kab Hai: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को बहुत महत्व दिया गया है. सारी एकादशी तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित हैं. एकादशी के दिन व्रत करना और भगवान विष्‍णु की शुभ मुहूर्त में विधि-विधान से पूजा करना बहुत लाभ दिलाता है. इनमें से कुछ एकादशी को तो विशेष माना गया है, जैसे- जया एकादशी. माघ माह के शुक्‍ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी कहते हैं. इस दिन व्रत-पूजा करने से जीवन में अपार सुख-समृद्धि, सौभाग्‍य का आगमन होता है. एकादशी का व्रत सूर्योदय से शुरू होता है और इसका पारण द्वादशी तिथि का सूर्योदय होने के बाद किया जाता है. 


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जया एकादशी कब है?


हिंदू पंचांग के अनुसार माघ महीने की शुक्ल पक्ष की जया एकादशी तिथि 19 फरवरी को सुबह 08 बजकर 49 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 20 फरवरी की सुबह 09 बजकर 55 मिनट तक रहेगी. उदया तिथि के अनुसार एकादशी व्रत 20 फरवरी, मंगलवार को रखा जाएगा. 


जया एकादशी के दिन ना करें ये गलतियां 


धर्म-शास्‍त्रों में जया एकादशी के दिन कुछ कार्यों को करने की सख्त मनाही की गई है. यदि जातक ये गलतियां करें तो उसे व्रत-पूजा का पूरा फल नहीं मिलता है, साथ ही भगवान श्रीहरि नाराज हो सकते हैं. जिससे जीवन में दुर्भाग्‍य, हानि और कई कष्‍टों का सामना करना पड़ सकता है. 


- जया एकादशी के दिन ना तो तुलसी के पौधे में जल चढ़ाएं, ना पत्तियां तोड़ें. तुलसी को स्‍पर्श भी ना करें. एकादशी को तुलसी माता भगवान विष्‍णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं, जल चढ़ाने से उनका व्रत टूट जाता है. इससे तुलसी जी और श्रीहरि नाराज हो जाते हैं. घर में बरकत नहीं रहती है. 


- जया एकादशी के दिन चावल का सेवन ना करें. वैसे तो किसी भी एकादशी के दिन चावन का सेवन करना पाप का भागीदार बनाता है. 


- जया एकादशी के दिन अपने विचार पवित्र रखें, भगवान की भक्ति करें. किसी की बुराई करना, गलत विचार लाना विष्‍णु जी को नाराज कर सकता है. 


- जया एकादशी का दिन बहुत पवित्र होता है. इस दिन नॉनवेज-शराब या किसी भी तामसिक चीज का सेवन ना करें. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)