Jyeshth Month Significance: हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल का तीसरा महीना ज्येष्ठ माह होता है. इस माह में गर्मी अपने चरम पर होती है. 6 मई शनिवार के दिन से ज्येष्ठ माह की शुरुआत हो रही है. इस माह में गर्मी तेज होने के कारण नदी-तालाब आदि सब सूखने लगते हैं. इस माह में हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है. साथ ही इस माह में सूर्य देव और वरुण देव की पूजा भी की जाती है.


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ज्योतिष शास्त्र में ज्येष्ठ माह को बेहद पवित्र और ग्रह दोषों से मुक्ति दिलाने वाला महीना भी कहा गया है. कहते हैं कि इस माह में पूजा-पाठ, दान-पुण्य आदि का विशेष फल मिलता है. वहीं, इस माह में निर्जला एकादशी और गंगा दशहरा जैसे कई पवित्र त्योहार भी मनाए जाते हैं. जानें इस माह का महत्व और इस माह में क्या करें और क्या नहीं.


इस दिन से शुरू होगा ज्येष्ठ 2023 माह


हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ का महीना इस बार 6 मई शनिवार के दिन से शुरू हो रहा है. वहीं, इस माह का समापन 4 जून ज्येष्ठ पूर्णिमा से होगा. ज्येष्ठ माह के बाद आषाढ़ माह की शुरुआत हो जाएगी. इस माह में पेड़-पौधों को पानी देने, पशु-पक्षीयों को पानी देने आदि का विशेष महत्व बताया गया है. ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन के सभी दुख, कष्ट दूर हो जाते हैं. वहीं, पूर्वज भी इससे सदा खुश रहते हैं.


ज्येष्ठ माह का महत्व


ऐसा माना जाता है कि ज्येष्ठ माह में हनुमान जी पहली बार भगवान श्री राम से मिले थे.  इसलिए इस माह में हनुमान जी के व्रत रखने का विशेष फल मिलता है. इस माह में हनुमान जी की पूजा से व्यक्ति के सभी दुख दूर होते हैं. इस माह में गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी जैसे महत्वपूर्ण त्योहार भी मनाए जाते हैं.


ज्येष्ठ माह के कुछ जरूरी नियम


- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ज्येष्ठ माह में व्यक्ति को बिस्तर की जगह जमीन में सोना चाहिए.


- ज्येष्ठ माह में भगवान की पूजा में चंदन का प्रयोग करना चाहिए.


- इस माह में मंदिर के पास हमेशा जल से भरा एक कलश रखें.


- कहते हैं कि इस माह में पेड़-पौधों को हाथ नहीं लगाना चाहिए.


- ज्येष्ठ माह में नारंगी रंग के कपड़े भूलकर भी नहीं पहनने चाहिए.


- इस माह में सूर्य देव को अर्घ्य देने का भी विशेष महत्व है.


- जगह-जगह प्याऊ लगवाना शुभ माना गया है. ऐसे में इस माह में ज्यादा से ज्यादा प्याऊ लगवाएं.


- इस माह में ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधों को पानी से सींचना चाहिए.


- कहते हैं कि इस माह में पीपल के वृक्ष पर दूध अर्पित करना चाहिए.


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)