Kalki Dham: भगवान विष्णु के दसवें अवतार के जन्म से पहले ही तैयार होगा कल्की धाम, जानें मंदिर के गर्भगृह की खासियत
Sambhal Kalki Dham: हिंदू ग्रथों के अनुसार जब कलयुग में पाप अपने चरम सीमा पर होगा तब भगवान विष्णु के दसवें अवतार का जन्म होगा. भगवान विष्णु के इस अवतार को कल्की अवतार कहेंगे, जिसमें कल्कि पाप का नाश कर कलयुग में रह रहे लोगों का उद्धार करेंगे.
Kalki Avatar of Lord Vishnu: उत्तरप्रदेश के संभल जिले में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल्कि मंदिर का शिलान्यास कर दिया है. यह देश का ऐसा पहला अनोखा मंदिर होगा जहां भगवान के जन्म से पहले ही उनके मंदिर की स्थापना कर दी जाएगी. भगवान विष्णु के दसवें अवतार कल्कि का अभी तक जन्म नहीं हुआ है.
धार्मिक ग्रथों के अनुसार कलयुग 432000 वर्ष का है, जो कि अभी अपने पहले ही चरण में चल रहा है. मान्यताओं के अनुसार जब कलयुग का अखिरी चरण होगा तभी कल्कि अवतार का जन्म होगा. जिसके बाद कलयुग में हो रहे पाप का अंत हो जाएगा. बता दें कि भगवान विष्णु ने अभी तक अपने नौ अवतारों में जन्म ले लिया है और कल्कि उनका आखिरी अवतार होगा.
संभल के कल्कि मंदिर के शिलान्यास के बाद से ही यह लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. आइए विस्तार मंदिर की कुछ खास बातों के बारे में जानें.
कल्कि मंदिर के 10 गर्भगृह की खासियत
कल्कि मंदिर की सबसे खास बात इसका गर्भगृह है. दरअसन इन दसों गर्भगृह में भगवान विष्णु के अलग अलग अवतारों की स्थापना की गई है. जिनमें मत्स्य अवतार, कूर्म अवतार, वराह अवतार, भगवान नृसिंह, वामन अवतार, श्री राम अवतार, श्री कृष्ण अवतार, परशुराम अवतार, बुद्ध अवतार और आखिर में कल्कि अवतार.
मंदिर में नहीं होगा इन धातुओं का इस्तेमाल
कल्कि मंदिर का निर्माण उन्हीं गुलाबी पत्थरों का इस्तेमाल किया जाएगा जो अयोध्या के राम मंदिर में इस्तेमाल किया गया था. इन्हीं पत्थरों का इस्तेमाल सोमनाथ के मंदिर में भी किया गया है. मंदिर के शिखर की ऊंचाई 108 फीट रखी जाएगी और 11 फीट के ऊपर मंदिर का चबुतरा होगा. इस मंदिर में भी रामलला के मंदिर के तरह लोहे और स्टील जैसे धातु का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.
संभल में इसलिए हुआ कल्कि मंदिर का शिलान्यास
सम्भल ग्राम मुख्यस्यए ब्राह्मणस्य महात्मनः.
भवने विष्णुयशसः कल्किः प्रादुर्भविष्यति..
श्रीमद्भगवद्गीता पुराण के इस श्लोक के अनुसार संभल में ही भगवान विष्णु के दसवें अवतार कल्कि अवतार का जन्म होगा. जो विष्णुयश नाम के श्रेष्ठ ब्राह्मण के पुत्र के रूप में जन्म लेंगे. श्रीमद्भगवद्गीता पुराण के बारहवें स्कंध में कलयुग के अंत और सतयुग के संधि काल में ही भगवान कल्कि के अवतार के बारे में उल्लेख है. मान्यताओं के अनुसार भगवान परशुराम कल्कि अवतार को तलवार देंगे और देव गुरु बृहस्पति उन्हें शिक्षा दिक्षा देंगे.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)