19 फरवरी को होगा विश्व के अनोखे मंदिर कल्कि धाम का शिलान्यास, जानें खासियतें
Kalki Dham Sambhal: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 19 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल्किधाम का शिलान्यास करेंगे. यह मंदिर विश्व का सबसे अनोखा मंदिर है. इसकी कई खासियतें हैं.
Kalki Dham UP: 'अवध पुरी से कल्कि धाम, जय श्री कल्कि जय श्री राम' उत्तर प्रदेश के संभल जिले में इस समय यही जयकारे गूंज रहे हैं. दरअसल यहां भगवान विष्णु के 10वें अवतार भगवान कल्कि का मंदिर बनने जा रहा है. 19 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मंदिर का शिलान्यास करेंगे. इस मंदिर के पीठाधीश्वर हाल ही में कांग्रेस से निष्कासित हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम हैं.
बेहद अनूठा है कल्कि धाम
कल्कि धाम को विश्व का सबसे अनोखा मंदिर कहा जा रहा है और इसके पीछे कई वजहें हैं.
- कल्कि धाम पहला ऐसा धाम है जहां भगवान के अवतार लेने से पहले उनका मंदिर स्थापित हो रहा है.
- इस मंदिर में एक नहीं 10 गर्भगृह होंगे. भगवान विष्णु के 10 अवतारों के 10 अलग-अलग गर्भगृह स्थापित किये जायेंगे.
मंदिर भवन की विशेषताएं
- इस मंदिर का निर्माण गुलाबी रंग के उसी पत्थर से किया जा रहा है जिससे सोमनाथ मंदिर और अयोध्या के राम मंदिर का निर्माण किया गया है. साथ ही इस मंदिर में स्टील या लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.
- मंदिर का शिखर 108 फीट ऊंचा होगा. 11 फीट के ऊपर मंदिर का चबूतरा बनेगा. 68 तीर्थ की इसमें स्थापना होगी.
- मंदिर का निर्माण लगभग 5 एकड़ में होगा और निर्माण में करीब 5 साल का समय लग सकता है.
- यह मंदिर भवन के दृष्टिकोण से भी भव्य होगा और धार्मिक दृष्टिकोण से भी दिव्य होगा.
- कल्कि पीठ अपनी पुरानी जगह ही रहेगा. जब कल्कि धाम बनेगा तब उसके लिए भगवान का नया विग्रह होगा जिसकी प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इसके लिए एक अद्भुत प्रतिमा लाई जाएगी. धर्मग्रंथों में लिखा है कि जब भगवान कल्कि का अवतार होगा तो भगवान शिव के द्वारा उन्हें देवदत्त नाम का श्वेत अश्व प्रदान किया जाएगा. भगवान परशुराम उनको खडग प्रदान करेंगे, भगवान बृहस्पति उनको शिक्षा दीक्षा देंगे. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए ही ऐसे ही स्वरूप में भगवान का विग्रह होगा.
शिलान्यास कार्यक्रम की तैयारियां जोरों पर
19 फरवरी को होने जा रहे शिलान्यास कार्यक्रम के लिए तैयारियां जोरों पर हैं. पूरे मंदिर परिसर को सफेद और भगवा रंग से सजाया जा रहा है. मुख्य मंच के ठीक पीछे प्रधानमंत्री का चॉपर उतरने के लिए हैलीपैड बनाया जा रहा है. पूरे परिसर को एसपीजी ने सुरक्षा में ले लिया है. समारोह परिसर को 3 खंड में बांटा गया है. मुख्य मंच के ठीक सामने वीवीआईपी अतिथि उसके बाद वीआईपी मेहमान और उसके बाद अन्य अतिथियों के बैठने की व्यवस्था की गई है. वहीं टेंट सिटी कल्किपुरम में देश भर से आ रहे साधु-संतों के ठहरने की व्यवस्था की गई है. करीब 11 हजार साधु-संत शिलान्यास समारोह में हिस्सा लेंगे.
राजनीति से ऊपर है यह कार्य
कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने Zee news से खास बातचीत में कहा कि 18 साल पहले ये संकल्प लिया था कि जहां भगवान के अवतार आएंगे, वहां भगवान का कल्कि धाम बने. ये नहीं पता था ये कैसे बनेगा और कौन बनाएगा. प्रधानमंत्री का हृदय से आभार है जो उन्होंने करोड़ों सनातनियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए कल्कि धाम की आधारशिला रखने का फैसला लिया.
आचार्य प्रमोद कृष्णम् ने कहा कि करीब 11 हजार संत इस शिलान्यास के साक्षी होंगे. ये यात्रा सतयुग से कलयुग की है और विशेष बात ये है कि इस पूरे सनातन की यात्रा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेतु का काम किया है. भगवान राम के मंदिर का कार्य उन्होंने किया और अब भगवान कल्कि के मंदिर के कार्य भी वो ही करने आ रहे हैं. चूंकि राष्ट्र राजनीति से बहुत ऊपर है. राजनीति बहुत छोटी चीज है. मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं कि मुझे ये काम करने का मौका मिल रहा है. भगवान खुद चुनता है. भगवान ने मोदीजी को चुना और हम निमित्त बने.