Kaal Sarp Yog: जानें किन स्थितियों में बनता है कालसर्प योग, कभी देता भयानक कष्ट तो कभी दिलाता है उच्चतम पद
Kaal Sarp Dosh Most Dangerous: कुंडली में काल सर्प योग के कारण विवाह, संतान में विलंब, विद्या अध्ययन में रुकावट, दांपत्य जीवन में असंतोष, मानसिक अशांति, स्वास्थ्य में गिरावट, पैसों की कमी और प्रगति में रुकावट आती है.
What is Kaal Sarp Yog: काल सर्प योग का नाम तो आपने सुना ही होगा. इस शब्द में छिपे भाव को लेकर बहुत से लोग भयभीत हो जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुंडली में वह कौन सी गृहीय स्थितियां होती हैं, जिनके आधार पर कोई ज्योतिषी आप पर काल सर्प योग का साया बताता है. ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को सर्प की संज्ञा दी गई है और इसमें भी राहु को सर्प का फन तथा केतु को सर्प की पूंछ बताया गया है. कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच स्थित हों तो काल सर्प योग बनता है.
समस्याएं
जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं, जो व्यक्ति के जीवन में बाधाएं पैदा करती हैं. मनुष्य की कुंडली में काल सर्प योग के कारण विवाह, संतान में विलंब, विद्या अध्ययन में रुकावट, दांपत्य जीवन में असंतोष, मानसिक अशांति, स्वास्थ्य में गिरावट, पैसों की कमी और प्रगति में रुकावट आती है.
काल सर्प योग नाम से तो अत्यधिक खतरनाक लगता है, किंतु इससे बहुत अधिक भयभीत होने की जरूरत नहीं है. यह घातक तो है, किंतु महाघातक नहीं. काल सर्प योग से डरना या डराना शास्त्र संगत नहीं है, क्योंकि काल सर्प योग यदि भयानक कष्ट देता है तो कभी-कभी व्यक्ति को देश में उच्चतम पद, धन संपदा, कीर्ति भी प्रदान करता है.
प्रकार
यूं तो काल सर्प योग कई प्रकार के होते हैं, किंतु ज्योतिष शास्त्र में मुख्य काल सर्प योग 12 माने गए हैं. वह इस प्रकार हैं- अनंत काल सर्प योग, कुलिक कालसर्प योग, वासुकि कालसर्प योग, शंखपाल कालसर्प योग, पद्म कालसर्प योग, महा पद्म कालसर्प योग, तक्षक कालसर्प योग, कर्कोटक कालसर्प योग, शंखचूड़ कालसर्प योग, घातक कालसर्प योग, विषधर कालसर्प योग और शेषनाग काल सर्प योग. इन 12 प्रकार के कालसर्प योगों के अतिरिक्त अलग-अलग राशियों में प्रत्येक भाव राहु-केतु या केतु-राहु की स्थिति के अनुसार कुल 144 उप काल सर्प योग बनते हैं. इनके परिणाम भाव एवं राशि विशेष के संयोग के अनुसार होते हैं.