Maa Durga: मां दुर्गा को कहते हैं अष्ट भुजाधारी, जानें- किस हाथ से भक्तों को देती हैं वरदान
Maa Durga: मां दुर्गा को अष्ट भुजाधारी के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा इसलिए कि उनके आठ हाथ होते हैं. इन आठ हाथों में कई प्रकार के शस्त्र होते हैं. इन्हीं शस्त्र से उन्हें बुराई और अन्याय से लड़ने की ताकत मिलती है.
Maa Durga: मां दुर्गा को अष्ट भुजाधारी के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा इसलिए कि उनके आठ हाथ होते हैं. इन आठ हाथों में कई प्रकार के शस्त्र होते हैं. इन्हीं शस्त्र से उन्हें बुराई और अन्याय से लड़ने की ताकत मिलती है. मान्यताओं के मुताबिक माता दुर्गा अपने इन्हीं आठ भुजाओं और शस्त्रों से भक्तों की रक्षा भी करती हैं.
शरीर के आठ अंग
अगर शास्त्रों की मानें तो भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि प्रकृति ही मेरा शरीर है जिसके आठ अंग होते हैं. इसलिए प्रकृति को अष्टधा भी कहा जाता है. ऐसे में जब प्रकृति की ओर से जब नारी की कल्पना की गई तो उनमें पांच गुण और तीन तरह के तत्व समाहित किए गए. यही पांच गुण के साथ-साथ तीन तत्व मिलकर आठ हाथ बन गए.
यहां जानें शस्त्रों के बारे में
चूंकि पौराणिक मान्यता है कि अष्टधा प्रकृति ही जननी है, जो कि मां दुर्गा का एक रूप भी है. ऐसे में मां दुर्गा के आठ हाथ दिखाए गए हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि इन हाथों में मां दुर्गा के पास कौन-कौन से शस्त्र हैं? तो चलिए आपको बताते हैं.
देवी के हाथ में कमल का फूल है जो कि ज्ञान और मुक्ति का प्रतीक है. हाथ में कमल का अर्थ है कि माता अपने भक्तों को ज्ञान की बढ़ाती हैं.
माता के दूसरे हाथ में तलवार है. यह तलवार ज्ञान और बुद्धि की तीव्रता का प्रतीक माना जाता है. इसके अलावा तलवार अज्ञानता और बुराई के विनाश का भी प्रतीक है.
माता के तीसरे हाथ में शिव की त्रिशूल है. यह देवी के तीन गुणों का प्रतीक दिखाता है. ये तीन गुण सत्व, रजस, और तम माने जाते हैं.
धनुष और बाण के जरिए मां दुर्गा ऊर्जा दिखाती हैं. हाथों में इसे पकड़कर मां यह दिखाती है कि ऊर्जा पर भी उनका नियंत्रण है.
मां दुर्गा के हाथ में जो शंख है वह सृष्टि की ध्वनि और ब्रह्मांड की मूल ध्वनि यानि कि ‘ओम’ को दिखाता है. शंक के जरिए माता रानी पवित्रता और शुभता के बारे में बोध करवाती हैं.
गदा के जरिए माता गलत हाथों में गई हुई शक्ति और उससे उत्पन्न बुराई को खत्म करने की ताकत के रुप में दिखाती हैं.
सुदर्शन चक्र के जरिए मां दुर्गा यह दिखाती हैं कि पूरी सृष्टी उनके नियंत्रण में है. साथ ही जो भी जहां भी है उसे नियंत्रित कर सकती हैं.
अभय मुद्रा से ही माता रानी अपने भक्तों को सुरक्षा और निर्भय होने का अहसास करवाते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)