Last Surya Grahan and Chandra Grahan 2023 Date: इस साल का पहला पहला सूर्य और चंद्र ग्रहण लग चुका है. अब साल के दूसरे ग्रहण आने वाले हैं. ज्योतिष शास्त्रियों के मुताबिक साल के दूसरे और आखिरी सूर्य-चंद्र ग्रहण अक्टूबर में लगने वाले हैं. दोनों ग्रहण के बीच 15 दिन का अंतराल रहेगा. अक्टूबर का सूर्य ग्रहण आश्विन अमावस्या पर लगेगा. वहीं चंद्र ग्रहण आश्विन पूर्णिमा पर दिखाई देगा. आइए जानते हैं कि दोनों ग्रहण कब और किस मुहूर्त में लगेंगे. साथ ही उस दौरान सूतक काल लगेगा या नहीं. 


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कब लगेगा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 


धार्मिक विद्वानों के मुताबिक इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण (Last Surya Grahan 2023) 14 अक्टूबर की रात 8 बजकर 34 मिनट पर शुरू होगा. इस ग्रहण का अंत करीब 6 घंटे बाद 15 अक्टूबर को तड़के 2 बजकर 25 मिनट पर हो जाएगा. खास बात ये है कि यह सूर्य ग्रहण कन्या राशि और चित्रा नक्षत्र में लगेगा. खास बात ये है कि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा यानी कि भारत में सूतक काल नहीं लगेगा. इस ग्रहण को ब्राजील, कनाडा, अमेरिका, जमैका, क्यूबा, मैक्सिको, इक्वाडोर, ग्वाटेमाला, पराग्वे समेत कई देशों में दिखाई देगा. 


इस दिन होगा वर्ष का अंतिम चंद्र ग्रहण


अब बात करते हैं इस साल लगने वाले आखिरी चंद्र ग्रहण (Last Chandra Grahan 2023) 2023 के बारे में. यह चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर को तड़के 1 बजकर 6 मिनट से तड़के 2 बजकर 22 मिनट तक चलेगा. भारत में यह ग्रहण देखा जा सकेगा. इसकी अवधि 1 घंटा 16 मिनट की होगी. इसे खण्डग्रास चंद्र ग्रहण कहा जाएगा. 


क्या भारत में भी सूतक काल लगेगा?


ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार 29 अक्टूबर में लगने वाले चंद्र ग्रहण (Last Chandra Grahan 2023) से 9 घंटे पहले यानी 28 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 52 मिनट से भारत में सूतक काल शुरू हो जाएगा. जब देर रात में चंद्र ग्रहण खत्म हो जाएगा, तब जाकर ही सूतक काल खत्म होगा. इस तरह के सूतक काल में कई तरह के शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है. इस दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है. 


सूतक काल में गलती से भी न करें ये कार्य


जब सूतक काल लगा हो तो गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. इस दौरान सोना भी वर्जित होता है. हालांकि यह नियम बीमार लोगों पर लागू नहीं होता. इस सूतक काल में भोजन करना या बनाना दोनों ही मना होता है. सूतक काल के दौरान मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. इस अवधि में पूजा पाठ भी नहीं की जाती है.