Lord Hanuman Powers: हनुमान जी की महिमा अपरम्पार है. उनको रुद्रवतार माना जाता है. वह भगवान राम के प्रिय भक्त हैं. केसरीनंदन त्रेतायुग से लेकर आज तक इस धरती पर जीवित बताए जाते हैं. जो भक्त उनकी सच्चे मन से पूजा-अर्चना करता है. उसको हनुमान जी कभी निराश नहीं करते हैं. उसके सभी कष्टों को दूर कर देते हैं. हनुमान जी बेहद शक्तिशाली थे. उनके पास कई अद्भूत और अलौकिक शक्तियां थीं. इसका प्रसंग कई पौराणिक ग्रंथों में मिलता था. उन्होंने एक छलांग में ही पूरे समुद्र को पार कर लिया था. क्या आपको पता है कि हनुमान जी को ये शक्तियां कहां से प्राप्त हुईं और कैसे वह इतने शक्तिशाली बनें? आइए जानते हैं.   


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वज्र का प्रहार


पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब हनुमान अपने बाल अवस्था में थे तो उन्होंने सूर्य देव को फल समझ लिया था. इसके बाद वह वायु की गति से सूर्य भगवान को खाने के लिए बढ़े. ये देखकर सभी देवता घबरा गए और इंद्र के पास गए. इंद्र देव ने हनुमान जी को रोकने के लिए उनके मुख से अपने वज्र से प्रहार किया, जिसके बाद हनुमान जी बेहोश होकर धरती पर गिर पड़े.


वायु का संचार


बचपन में हनुमान जी का नाम हनुमान था, लेकिन वज्र के प्रहार से उनका जबड़ा टूट गया, जिससे उनका नाम हनुमान पड़ गया. हनुमान जी पवन पुत्र भी कहलाते हैं. ऐसे में जब पवन देव को हनुमान जी पर वज्र के प्रहार की बात पता चली तो उन्होंने समस्त संसार की वायु रोक दी.


ब्रह्मा जी


वायु रुकने से पूरे संसार में हाहाकार मच गया. यह देखकर ब्रह्मा जी हनुमान के पास पहुंचे और उनको होश में लाए. इसके बाद पवन देव ने संसार में दोबारा से वायु का संचार शुरू कर दिया. हनुमान जी के होश में आने के बाद सभी देवताओं ने उन्हें अपनी शक्तियां प्रदान कीं.


वरदान


सूर्य देव ने हनुमान जी को अपने तेज का सौवां भाग और नौ विधाओं का ज्ञान दिया था. कुबेर जी ने हनुमान जी को गदा भेंट की और भगवान शिव ने किसी भी अस्त्र से मृत्यु नहीं होने का वरदान दिया था. माता सीता ने राम भक्ति से प्रसन्न होकर अमरता का वरदान दिया था. ब्रह्मा जी ने हनुमान जी को इच्छानुसार शरीर का आकार बढ़ाने-घटाने और गति बदलने का वरदान दिया था. सभी देवी-देवताओं के वरदान ने भगवान अलौकिक शक्तियों के स्वामी बनें. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)