Mahabharata Story: संपत्ति के बंटवारे और बर्चस्व को लेकर महाभारत का युद्ध हुआ था. दो परिवारों के बीच शुरू हुए इस युद्ध में कई राजाओं ने भाग लिया था. अगर आप महाभारत का युद्ध ध्यान से देखेंगे तो पाएंगे कि हर योद्धा एक दूसरे के संबंधी नजर आएंगे. इस युद्द में किसी योद्धा के सामने उसके मामा हैं तो किसी के सामने उसके बहनोई. लेकिन क्या आपको पता है कि इस युद्ध में महाबली भीम अपने पोते से ही भिड़ गए थे. तो चलिए आपको पूरी कहानी बताते हैं.


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बर्बरीक ने दी भीम को नसीहत


दरअसल, हुआ यूं कि एक बार महाबली भीम एक सरोवर में हाथ-पैर धोने की नीयत से किनारे पर पहुंचे. वहां पहुंचकर भीम एक बड़े पत्थर पर बैठकर हाथ-पैर धोने लगे तभी बर्बरीक नाम का योद्धा वहां पहुंचा और भीम को ऐसा करने से मना किया. बर्बरीक ने कहा कि इस सरोबर का पानी पीने का काम आता है तो ऐसे में इसे दूषित न करें.


बर्बरीक की चेतावनी सुन भीम हुए आगबबूला


बलशाली भीम ने बर्बरीक को नसीहत देते हुए वहां से जाने को कहा. जिसके बाद बर्बरीक ने भीम को चेतावनी भरे लहजे में ऐसा न करने को कहा. बर्बरीक की चेतावनी सुनकर भीम आग-बबूला हो गए. नतीजा यह हुआ कि दोनों के बीच भीषण मल्लयुद्ध छिड़ गया. दोनों तरफ से मुक्कों की बरसात होने लगी.


दोनों ओर से चल रहा था मुक्कों का वार


कभी ऐसा लगता कि बर्बरीक भीम पर भारी पड़ रहा है तो कभी भीम बर्बरीक को पछाड़ते नजर आते. दोनों के बीच भीषण युद्ध देखने को मिल रहा था. इस युद्ध में न तो किसी की हार हो रही थी न ही कोई जीत रहा था. मुक्कों का वार दोनों ओर से लगातार चल रह था.


महर्षि ने बंद कराई लड़ाई


इसी दौरान एक महर्षि वहां पहुंचे और बताया कि आप दोनों का खून एक है. आप दोनों एक परिवार के हैं. महर्षि ने भीम सेन को नसीहत दी कि आप जिससे टकरा रहे हैं आपको पता है कि ये कौन है. तभी महर्षि के मुंह से भीम सेन का नाम सुनते ही बर्बरीक ने भीम को पहचान लिया और पैरों में गिरकर माफी मांगी. महर्षि के कारण दोनों के बीच इस मल्लयुद्ध का फैसला नहीं हो पाया.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)