Mahamrityunjay mantra: सही विधि से किया महामृत्युंजय मंत्र का जाप टालता है अकाल मृत्यु का खतरा, जानें इसके ढेरों लाभ
Mahamrityunjay Mantra: महामृत्युंजय मंत्र की महिमा से कोई भी अंजान नहीं है. ऐसा माना जाता है कि इस मंत्र का जाप अगर विधिपूर्वक किया जाए, तो व्यक्ति के ऊपर से अकाल मृत्यु का खतरा टल जाता है. साथ ही, व्यक्ति के जीवन से संकटों का नाश होता है.
Mahamrityunjay Mantra Vidhi: भगवान शिव की भक्ति के लिए सोमवार का दिन बेहद खास और श्रेष्ठ माना गया है. इस दिन सच्चे मन से की गई भोलेनाथ की पूजा का फल जल्द ही मिलता है. वहीं, कुछ उपायों को नियमित रूप से किए जाने पर लाभ भी होता है. इन्हीं में से एक है भगवान शिव का महामृत्यंजय मंत्र. महामृत्युंजय मंत्र को लेकर पुराणों में कहा गया है कि अगर नियमित रूप से इस मंत्र का जाप किया जाए तो व्यक्ति को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दीर्घायु के लिए इस मंत्र का जाप करने की सलाह जी जाती है. इस मंत्र के जाप से भोलेनाथ प्रसन्न होकर भक्तों को लंबी आयु का वरदान देते हैं. आइए जानें इसके लाभ और विधि के बारे में.
महामृत्युंजय मंत्र
मंत्र- ॐ त्र्यम्बक यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धन्म। उर्वारुकमिव बन्धनामृत्येर्मुक्षीय मामृतात् !!
महामृत्युंजय मंत्र जाप विधि
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंत्र जाप शुरू करने से पहले सन्ना आदि से निवृत्त हो जाएं और भगवान शिव के समक्ष जो कार्य करना है वो दोहराएं. फिर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें.
- इसके बाद शिवलिंग के समक्ष खड़े होकर अपनी श्रद्धा अनुसार मंत्रों के जाप का संकल्प लें. बता दें कि मृत्युंजय मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करना ही उत्तम माना जाता है.
-अगर आप भी इस मंत्र जाप की शुरुआत करने की सोच रहे हैं, तो सोमवार के दिन से ही इसे आरंभ करना चाहिए.
- इस बात का भी खास ख्याल रखें कि इस मंत्र का जाप दोपहर 12 बजे से पहले ही किया जाता है. मान्यता है कि 12 बजे के बाद इस मंत्र के जाप से फल की प्राप्ति नहीं होती.
- अगर आप घर पर इस मंत्र की शुरुआत करने की सोच रहे हैं, तो पहले शिवलिंग की पूजा करें और उसके बाद ही मंत्र जाप शुरू करें.
- अगर घर में संभव न हो तो मंदिर में जाकर शिवलिंग का पूजन करें और फिर घर वापस आकर घी का दीपक जलाएं.
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार महामृत्युंजय मंत्र का जाप लगातार 10 दिन कर 11 माला करने से ही शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इसके पूरा होने के बाद हवन किया जाता है.
मृत्युंजय मंत्र का लाभ
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस मंत्र का जाप ग्रहबाधा, ग्रहपीड़ा, रोग, जमीन-जायदाद का विवाद, धन हानि से बचने, वर वधू की कुंडली न मिलने पर किया जाता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)