Makar Sankranti 2025 Daan: मकर संक्रांति पर दान का विशेष महत्व है. इस दिन को खगोलीय, धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है. इस पर्व पर दान को आत्मिक शुद्धि और पुण्य अर्जित करने का उत्तम माध्यम समझा गया है. मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव शनि की राशि मकर में प्रवेश करते हैं, जिससे इसे "मकर संक्रांति" कहा जाता है. इस अवसर पर लोग स्नान करते हैं, तिल और गुड़ का सेवन करते हैं, और अपनी क्षमता के अनुसार दान देते हैं. खासकर गुड़ और काले तिल का दान इस दिन अत्यधिक पुण्यदायी माना गया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मकर संक्रांति से सूर्य देव होते हैं उत्तरायण


मकर संक्रांति के साथ सूर्य की उत्तरायण गति शुरू होती है, जिसे शुभ और उन्नति का प्रतीक माना गया है. उत्तरायण के दौरान किए गए दान और पुण्य कार्यों का फल कई गुना बढ़ जाता है. शास्त्रों के अनुसार, इस समय दान करने से पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है.


शास्त्रों में तिल, गुड़, अन्न और कपड़ों के दान को विशेष रूप से शुभ बताया गया है. स्कंद पुराण और धर्मशास्त्रों में उल्लेख है कि मकर संक्रांति पर गंगा स्नान और दान से मोक्ष प्राप्ति संभव है. इस दिन पितरों और देवताओं को प्रसन्न करने के लिए भी उपयुक्त माना गया है. 


सूर्य देव की उपासना है खास


मकर संक्रांति सूर्य देव की उपासना का पर्व है. इस दिन सूर्य देव को जल अर्पित करने और दान देने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और स्वास्थ्य की वृद्धि होती है.


काले तिल का दान क्यों करें?


पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य और शनि के बीच शत्रुता है, लेकिन मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव शनि की राशि मकर में प्रवेश करते हैं. कथा के अनुसार, जब सूर्य देव पहली बार अपने पुत्र शनि के घर मकर में आए, तो शनि देव ने उन्हें काले तिल अर्पित किए. इससे प्रसन्न होकर सूर्य देव ने शनि देव को कुंभ राशि प्रदान की. इसी कारण मकर संक्रांति पर काले तिल का दान शुभ माना जाता है. इसका दान करने से सूर्य और शनि दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)