Mangalwar upay: शीघ्र विवाह के लिए मंगलवार के दिन करें ये उपाय, तुरंत बनेंगे कुंडली में योग
Mangal Kavach: अगर आप मंगल ग्रह के बुरे प्रभावों को कम करना चाहते हैं तो मंगलवार के दिन मंगल कवच का पाठ जरूर करें. इस पाठ को करने से जातक की कुंडली से मंगल दोष समाप्त हो जाता है और जल्द विवाह के योग बनते हैं. चलिए यहां पढ़ते हैं मंगल ग्रह कवच.
Mangal Kavach Ka Path: मंगलवार का दिन राम भक्त हनुमान को समर्पित होता है. इस दिन हनुमानजी की पूजा और व्रत किए जाते हैं. इसलिए जिस जातक की कुंडली में मंगल दोष या मंगल ग्रह कमजोर होता है उसको मंगलवार के दिन बजरंगबली की पूजा अवश्य करनी चाहिए. कई बार जातक के बनते-बनते काम भी बिगड़ जाते हैं ऐसे में वजह समझ नहीं आती. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा मंगल दोष के कारण होता है. इसके अलावा जिस जातक के विवाह में देरी या कर्ज की समस्या बनी रहती है तो ये भी मंगल दोष के लक्षण होते हैं. ऐसे में अगर आप मंगल ग्रह के बुरे प्रभावों को कम करना चाहते हैं तो मंगलवार के दिन मंगल कवच का पाठ (Mangal Kavach Benefits) जरूर करें. इस पाठ को करने से जातक की कुंडली से मंगल दोष समाप्त हो जाता है और जल्द विवाह के योग बनते हैं, साथ ही जीवन में आईं कई बाधाएं दूर हो जाती हैं. चलिए यहां पढ़ते हैं मंगल ग्रह कवच.
॥मंगल ग्रह कवच॥
''अथ मंगल कवचम्''
अस्य श्री मंगलकवचस्तोत्रमंत्रस्य कश्यप ऋषिः ।
अनुष्टुप् छन्दः । अङ्गारको देवता ।
भौम पीडापरिहारार्थं जपे विनियोगः।
रक्तांबरो रक्तवपुः किरीटी चतुर्भुजो मेषगमो गदाभृत् ।
धरासुतः शक्तिधरश्च शूली सदा ममस्याद्वरदः प्रशांतः ॥॥
अंगारकः शिरो रक्षेन्मुखं वै धरणीसुतः
श्रवौ रक्तांबरः पातु नेत्रे मे रक्तलोचनः ॥॥
नासां शक्तिधरः पातु मुखं मे रक्तलोचनः ।
भुजौ मे रक्तमाली च हस्तौ शक्तिधरस्तथा ॥॥
वक्षः पातु वरांगश्च हृदयं पातु लोहितः।
कटिं मे ग्रहराजश्च मुखं चैव धरासुतः ॥ ॥
जानुजंघे कुजः पातु पादौ भक्तप्रियः सदा ।
सर्वण्यन्यानि चांगानि रक्षेन्मे मेषवाहनः ॥॥
या इदं कवचं दिव्यं सर्वशत्रु निवारणम् ।
भूतप्रेतपिशाचानां नाशनं सर्व सिद्धिदम् ॥॥
सर्वरोगहरं चैव सर्वसंपत्प्रदं शुभम् ।
भुक्तिमुक्तिप्रदं नृणां सर्वसौभाग्यवर्धनम् ॥
रोगबंधविमोक्षं च सत्यमेतन्न संशयः ॥॥
॥ इति श्रीमार्कण्डेयपुराणे मंगलकवचं संपूर्णं ॥
मंगल दोष से मुक्ति पाने के मंत्र
''ॐ अं अंगारकाय नम: ॐ भौं भौमाय नम:"
ऊँ नमो भगवते पंचवदनाय पश्चिमुखाय गरुडानना
मं मं मं मं मं सकल विषहराय स्वाहा।''
''ॐ हां हंस: खं ख:
ॐ हूं श्रीं मंगलाय नम:
ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:''
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)