Hanuman Ji: मंगलवार का दिन संकटमोचन हनुमान जी के समर्पित है. इस दिन सच्चे मन से हनुमान जी की पूजा करने और कुछ ज्योतिष उपाय करने से भक्तों पर हनुमान जी की कृपा बरसती है और वे प्रसन्न होकर उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. मंगलवार के दिन कुछ ज्योतिष उपाय को विधिपूर्वक करने से भक्तों को कर्ज से मुक्ति मिलती है. साथ ही, पैसों की समस्या भी दूर होती है. आर्थिक तंगी से परेशान लोगों को रास्ता मिलता है. धन आगमन के नए स्त्रोत खुलते हैं. 


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अगर आप भी पैसों की समस्या से गुजर रहे हैं, तो प्रभु श्री राम के परम भक्त हनुमान जी की पूजा अवश्य करें. ऐसा कहा जाता है कि संकटमोचन हनुमान के किसी भी मंदिर में जाकर अगर हनुमान कवच का पाठ किया जाए,तो प्रभु प्रसन्न होकर सभी इच्छाएं पूरी करते हैं. 


हनुमान कवच


।। श्री गणेशाय नम:।।


ओम अस्य श्रीपंचमुख हनुम्त्कवचमंत्रस्य ब्रह्मा रूषि:।


पंचमुख विराट हनुमान देवता। ह्रीं बीजम्।


श्रीं शक्ति:। क्रौ कीलकम्। क्रूं कवचम्।


क्रै अस्त्राय फ़ट्। इति दिग्बंध्:।


श्री गरूड उवाच्।।


अथ ध्यानं प्रवक्ष्यामि।


श्रुणु सर्वांगसुंदर।


यत्कृतं देवदेवेन ध्यानं हनुमत्: प्रियम्।।


पंचकक्त्रं महाभीमं त्रिपंचनयनैर्युतम्।


बाहुभिर्दशभिर्युक्तं सर्वकामार्थसिध्दिदम्।।


पूर्वतु वानरं वक्त्रं कोटिसूर्यसमप्रभम्।


दंष्ट्राकरालवदनं भ्रुकुटीकुटिलेक्षणम्।।


अस्यैव दक्षिणं वक्त्रं नारसिंहं महाद्भुतम्।


अत्युग्रतेजोवपुष्पंभीषणम भयनाशनम्।।


पश्चिमं गारुडं वक्त्रं वक्रतुण्डं महाबलम्।


सर्वनागप्रशमनं विषभूतादिकृन्तनम्।।


उत्तरं सौकरं वक्त्रं कृष्णं दिप्तं नभोपमम्।


पातालसिंहवेतालज्वररोगादिकृन्तनम्।


ऊर्ध्वं हयाननं घोरं दानवान्तकरं परम्।


येन वक्त्रेण विप्रेन्द्र तारकाख्यमं महासुरम्।।


जघानशरणं तस्यात्सर्वशत्रुहरं परम्।


ध्यात्वा पंचमुखं रुद्रं हनुमन्तं दयानिधिम्।।


खड्गं त्रिशुलं खट्वांगं पाशमंकुशपर्वतम्।


मुष्टिं कौमोदकीं वृक्षं धारयन्तं कमण्डलुं।।


भिन्दिपालं ज्ञानमुद्रा दशभिर्मुनिपुंगवम्।


एतान्यायुधजालानि धारयन्तं भजाम्यहम्।।


प्रेतासनोपविष्टं तं सर्वाभरण्भुषितम्।


दिव्यमाल्याम्बरधरं दिव्यगन्धानु लेपनम सर्वाश्चर्यमयं देवं हनुमद्विश्वतोमुखम्।।


पंचास्यमच्युतमनेकविचित्रवर्णवक्त्रं शशांकशिखरं कपिराजवर्यम्।


पीताम्बरादिमुकुटै रूप शोभितांगं पिंगाक्षमाद्यमनिशं मनसा स्मरामि।।


मर्कतेशं महोत्राहं सर्वशत्रुहरं परम्।


शत्रुं संहर मां रक्ष श्री मन्नपदमुध्दर।।


ओम हरिमर्कट मर्केत मंत्रमिदं परिलिख्यति लिख्यति वामतले।


यदि नश्यति नश्यति शत्रुकुलं यदि मुंच्यति मुंच्यति वामलता।।


ओम हरिमर्कटाय स्वाहा ओम नमो भगवते पंचवदनाय पूर्वकपिमुखाय सकलशत्रुसंहारकाय स्वाहा।


ओम नमो भगवते पंचवदनाय दक्षिणमुखाय करालवदनाय नरसिंहाय सकलभूतप्रमथनाय स्वाया।


ओम नमो भगवते पंचवदनाय पश्चिममुखाय गरूडाननाय सकलविषहराय स्वाहा।


ओम नमो भगवते पंचवदनाय उत्तरमुखाय आदिवराहाय सकलसंपत्कराय स्वाहा।


ओम नमो भगवते पंचवदनाय उर्ध्वमुखाय हयग्रीवाय सकलजनवशकराय स्वाहा।


यूं करें हनुमान जी की पूजा  


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर हनुमान जी की पूजा विधिपूर्वक की जाए, तो वे जल्द प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. मंगलवार के दिन सुबह उठकर सन्ना करें. पूजा घर को साफ करें. इसके बाद हनुमान जी के मंदिर या फिर घर पर उनकी विधि अनुसार पूजा करें. हनुमान  जी को उनके प्रिय लड्डू का भोग लगाएं. लाल चोला अर्पित करें. हनुमान जी के मंत्रों का विधिपूर्वक जाप करें.  इसके बाद आखिर में आरती से पूजा समाप्त करें और फिर शंखनाद करें.  


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)