Nag Panchami Puja Vidhi: हिंदू धर्म में नाग को न केवल पूजनीय माना गया है बल्कि बहुत महत्‍वपूर्ण दर्जा दिया गया है. इसके पीछे प्रमुख कारण है कि नाग देवता हर देवी-देवता के विराट रूप में कहीं न कहीं मौजूद हैं. जैसे- भगवान शिव नाग को अपने गले में धारण करते हैं. भगवान गणेश का जनेऊ नाग हैं, तो भगवान विष्‍णु शेषनाग की शैय्या पर ही विश्राम करते हैं. वहीं जब भगवान विष्‍णु ने भगवान श्रीराम और श्रीकृष्‍ण के रूप में अवतार लिया तो उनके साथ क्रमश: भाई लक्ष्‍मण और बलराम के रूप में शेषनाग ने ही अवतार लिया था. इसी तरह समुद्र मंथन में रस्‍सी के तौर पर नाग का ही उपयोग किया गया था. इस दौरान नाग का फन राक्षसों की ओर और पूंछ देवताओं की ओर थी. यह भी मान्‍यता है कि धरती नाग के फन पर ही टिकी हुई है. 


नाग पंचमी इसी दिन क्‍यों मनाते हैं


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नाग देवता की पूजा का ये पर्व पंचमी के दिन ही क्‍यों मनाया जाता है, यह जानने की जिज्ञासा लोगों के मन में हो सकती है. दरअसल, साल की सभी पंचमी तिथि को नाग देवता को समर्पित किया गया है. इसलिए यह पर्व पंचमी के दिन ही मनाया जाता है. नाग का शिव जी के साथ विशेष संबंध है इसलिए नागपंचमी सावन महीने के शुक्‍ल पक्ष की पंचमी को मनाई जाती है. 


ये है नाग देवता की पूजा का सही तरीका 


नागपंचमी के दिन नागों की पूजा को लेकर कई भ्रांतियां हैं. इसमें नागों को दूध पिलाना भी शामिल है. ज्‍योतिषाचार्य पंडित शशिशेखर त्रिपाठी कहते हैं कि सपेरे के पास कैद नाग की पूजा करना या उसे जबरन दूध पिलाना नाग देवता का निरादर करना है. पूजा करने का यह तरीका बिल्‍कुल गलत है. बेहतर होगा कि सपेरे को नाग के पैसे देकर उससे नाग को जंगल में मुक्‍त करवा दिया जाए. जिन लोगों की कुंडली में काल सर्प दोष हो वे यदि नाग-नागिन का जोड़ा इस तरह मुक्‍त कराएं तो उनके सारे दुख-परेशानियां दूर हो जाती हैं. धर्म-शास्‍त्रों में नाग को दूध पिलाने का नहीं बल्कि उनका दूध से अभिषेक करने की बात कही गई है. चूंकि मुक्‍त नाग का अभिषेक करना व्‍यवहारिक दृष्टि से संभव नहीं है, ऐसे में रुद्राभिषेक करें और नाग की भाव पूजा करें. मंदिर में चांदी का नाग-नागिन का जोड़ा रखकर उसका पूजन-अभिषेक करें. इससे नाग देवता और शिव जी दोनों प्रसन्‍न होते हैं. 


नाग पंचमी पर दूर करें कुंडली का दोष 


जिनकी कुंडली में नाग नाराज हैं और जीवन में कई संकटों का सामना करना पड़ रहा है, वे लोग नाग पंचमी के दिन शिवलिंग का रुद्राभिषेक करें और चांदी का नाग-नागिन का जोड़ा अर्पित करें. इसके अलावा गंगा नदी में चांदी का नाग-नागिन का जोड़ा प्रवाहित करना भी बहुत अच्‍छा उपाय है. 


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