नई दिल्‍ली: भगवान विष्‍णु (Bhagwan Vishnu) के चौथे अवतार भगवान नरसिंह (Bhagwan Narsingh) ने अपने भक्‍त की रक्षा के लिए दैत्‍यराज राजा हिरण्‍यकश्‍यप का वध किया था. दैत्‍यों से रक्षा करने वाले भगवान के इस अवतार की पूरे देश में पूजा होती है लेकिन दक्षिण भारत में इन्‍हें पूजने वालों की तादाद सबसे ज्‍यादा है. इस महीने भगवान नरसिंह की जयंती (Narsingh Jayanti 2021) है. उनकी जयंती वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है. हिंदू धर्म में इस दिन का बड़ा महत्व है. इस साल नरसिंह जयंती 25 मई 2021 दिन, मंगलवार को है. 


...इसलिए कहलाते हैं 'नरसिंह' 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पौराणिक कथाओं के अनुसार वैशाख शुक्‍ल की चतुर्दशी को भगवान विष्णु ने दैत्यों के राजा हिरण्यकश्यप से अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिए आधे नर और आधे सिंह के रूप में अवतार लिया था, इसीलिए उनके इस अवतार को नरसिंह अवतार कहा जाता है. तभी से इस दिन को भगवान नरसिंह की जयंती के रूप में मनाया जाता है. दैत्‍यों से रक्षा करने वाले भगवान के इस नरसिंह अवतार को दक्षिण भारत में वैष्‍णव संप्रदाय के लोग संकट के समय रक्षा करने वाले देवता के रूप में पूजते हैं. साथ ही उनकी जयंती को बहुत धूमधाम से मनाते हैं. बता दें कि भगवान नरसिंह शक्ति और पराक्रम के देवता माने जाते हैं. भगवान नरसिंह, श्रीहरि विष्णु के उग्र और शक्तिशाली अवतार कहे जाते हैं. 


यह भी पढ़ें: भूलकर भी शाम को नहीं करना चाहिए ये काम, होती है Money और Health की हानि


सारे संकट हर लेते हैं भगवान नरसिंह 


भगवान नरसिंह की व्रत, पूजा-अर्चना (Narsingh Jayanti Vrat-Puja) करने से हर तरह के संकटों से रक्षा होती है. लिहाजा इस दिन व्रत रखने वाला व्‍यक्ति यदि श्रद्धा और भक्ति से भगवान नरसिंह की पूजा-अर्चना करता है तो उसे सभी जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में खूब सुख-समृद्धि मिलती है. 


नरसिंह जयंती का शुभ मुहूर्त


25 मई 2021 दिन, मंगलवार को पड़ रही नरसिंह जयंती के लिए सायंकाल पूजा का शुभ समय दोपहर 4 बजकर 26 मिनट से शाम 7 बजकर 11 मिनट तक रहेगा.  


नरसिंह जयंती की व्रत-पूजा विधि


नरसिंह जयंती के दिन तिल, गोमूत्र, मिट्टी और आंवले को शरीर पर मलकर शुद्ध जल से स्नान करें. फिर भगवान नरसिंह की फोटो के सामने दीपक जलाएं. उन्‍हें लाल फूल चढ़ाएं और फिर प्रसाद अर्पित करें. इसके बाद भगवान को अपनी मनोकामना बता कर भगवान नरसिंह के मंत्रों का जाप करें. भगवान नरसिंह के मंत्रों का जाप मध्य रात्रि में करना सबसे शुभ माना जाता है. वहीं व्रत में केवल फलाहार करें और अगले दिन किसी गरीब व्यक्ति को अन्न-वस्त्र का दान करके ही व्रत खालें.



(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)