Nilavanti Granth banned in India: भारत ग्रंथों, महाकाव्‍यों का देश है. आदि काल से विभिन्‍न भाषाओं, लिपियों में अनगिनत ग्रंथ लिखे गए हैं, जिन्‍हें लोग आज भी पढ़कर मार्गदर्शन पाते हैं. इन महाकाव्‍यों, ग्रंथों का पठन-पाठन करना बहुत शुभ और लाभदायी माना जाता है. लेकिन हमारे देश में एक ऐसा शापित ग्रंथ भी हुआ है, जिसके बारे में कहा जाता है कि उसे पढ़ने वाले व्‍यक्ति की या तो मौत हो जाती है या वह पागल हो जाता है. इस शापित ग्रंथ का नाम नीलावंती ग्रंथ है. 


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यक्षिणी ने लिखा था नीलावंती ग्रंथ 


नीलावंती ग्रंथ को एक नीलावंती नाम की एक यक्षिणी ने लिखा था लेकिन लिखने के बाद किसी कारणवश श्राप दे दिया था कि जो भी व्‍यक्ति इस ग्रंथ को बुरी नियत से पढ़ेगा उसकी मृत्‍यु हो जाएगी. वहीं जो व्‍यक्ति नीलावंती ग्रंथ को अधूरा पढ़ेगा वह पागल हो जाएगा. उसका मानसिक संतुलन बिगड़ जाएगा. नीलावंती ग्रंथ को लेकर यह मिथ आमतौर पर महाराष्‍ट्र समेत दक्षिणी भारत में प्रचलित है. 


...ऐसा क्‍या है नीलावंती ग्रंथ में? 


ऐसे सवाल ये उठता है कि इस ग्रंथ में आखिर क्‍या है या ये ग्रंथ किस बारे में है. इसका जवाब है कि ये एक ऐसा ग्रंथ है जिसके अध्ययन से व्‍यक्ति पशु पक्षियों से बात करने में सक्षम हो सकता है या किसी गड़े हुए खजाने का पता लगा सकता है. लेकिन इस ग्रंथ को मिले श्राप के कारण ऐसा संभव नहीं हो पाता है. 


भारत में बैन है नीलावंती ग्रंथ?


हिंदी साहित्य में नीलावंती ग्रंथ का वर्णन मिलता है, लेकिन अब ये ग्रंथ कहीं भी मौजूद नहीं है. यहां तक कहा जाता है कि शापित होने के कारण यह ग्रंथ भारत में बैन है. हालांकि इस बात का कहीं प्रमाण नहीं मिलता है. हालांकि इंटरनेट पर नीलावंती ग्रंथ के कुछ अंश मिलते हैं, लेकिन ये असली हैं या नहीं इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है. ना ही इस बारे में कि इस ग्रंथ से जुड़े तथ्‍य सत्‍य हैं या नहीं. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)