First Sawan Monday 2023: हिंदू धर्म में सावन महीने को बेहद पवित्र माना गया है. सावन महीना भगवान शिव को समर्पित है इसलिए शिव भक्‍त इसका बेसब्री से इंतजार करते हैं. 4 जुलाई से सावन शुरू हो गया है और कल 10 जुलाई 2023 को पहला सावन सोमवार व्रत रखा जाएगा, साथ ही भोलेनाथ की विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी. सावन सोमवार के दिन देश भर के मंदिरों में तड़के सुबह भीड़ लग जाती है. सावन सोमवार के दिन भगवान शिव का जल से अभिषेक करना, पूजा करना बहुत लाभ देता है. चूंकि इस बार सावन के पहले सोमवार के दिन पंचक का साया रहेगा, लिहाजा लोगों के मन में शिव पूजा और जलाभिषेक को लेकर कई तरह के सवाल हैं. 


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सावन के पहले सोमवार पर पंचक का साया


6 जुलाई 2023, गुरुवार की दोपहर O1 बजकर 38 मिनट से पंचक शुरू हो गए हैं, जो कि 10 जुलाई 2023 की शाम 6 बजकर 59 मिनट पर समाप्‍त होंगे. इस तरह सावन के पहले सोमवार 10 जुलाई 2023 पर पंचक का साया रहेगा. ऐसे में लोगों के मन में यह आशंका है कि पंचक में सावन सोमवार की पूजा-अभिषेक कैसे करें. ज्‍योतिषाचार्यों के अनुसार चूंकि पंचक की शुरुआत गुरुवार से हुई है, लिहाजा ये हानिकारक नहीं है. इसलिए पहले सावन सोमवार पर पंचक होने के बाद भी लोग बिना किसी रुकावट के शिव जी की पूजा-अभिषेक कर सकेंगे. 


पंचक के पहले सोमवार पर शुभ योग और पूजा मुहूर्त 


भले ही सावन के पहले सोमवार के दिन पंचक जैसा अशुभ योग बन रहा है. वहीं सुकर्मा योग और रेवती नक्षत्र भी रहेगा, जिसे बेहद शुभ माना जाता है. इसके अलावा पहला सावन सोमवार के दिन श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि भी है. अष्टमी तिथि को रुद्रावतार बाबा काल भैरव की पूजा की जाती है. इस तरह इस दिन शिव पूजा का विशेष संयोग बन रहा है. 


सावन के पहले सोमवार पर सुकर्मा योग दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से है, जो पूरी रात रहेगा. इस दिन का शुभ मुहूर्त या अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक है. वहीं सावन के पहले सोमवार पर शिववास गौरी के साथ है और जब शिववास होता है, तभी रुद्राभिषेक किया जाता है. ऐसे में पहले सावन सोमवार पर रुद्राभिषेक का शुभ मुहूर्त 10 जुलाई की सुबह से लेकर शाम 06 बजकर 43 मिनट तक है. 


शिवलिंग पर जरूर अर्पित करें ये चीजें 


शिवलिंग का जलाभिषेक करने के अलावा महादेव को प्रिय चीजें अर्पित करना भी बेहद लाभ देता है. शिवलिंग पर पंच फल, फूल, पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगाजल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार सामग्री अर्पित करें.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)