Paschim Mukhi Hanuman: परेशानियों को हर लेता है हनुमान जी का ये स्वरूप, इस दिन पूजा करने से मिलता है विशेष फल
Mangalwar ke Upay: चिरंजीवी हनुमान जी के कई स्वरूप हैं जिनमें से एक है पश्चिम मुखी हनुमान. आज हम इस लेख में पश्चिम मुखी हनुमान जी की विशेषताओं पर चर्चा करेंगे. पश्चिम की तरफ मुख वाले हनुमान जी को गरुड़ का रूप माना जाता है
Pashim Mukhi Hanuman: चिरंजीवी हनुमान जी के कई स्वरूप हैं जिनमें से एक है पश्चिम मुखी हनुमान. आज हम इस लेख में पश्चिम मुखी हनुमान जी की विशेषताओं पर चर्चा करेंगे. पश्चिम की तरफ मुख वाले हनुमान जी को गरुड़ का रूप माना जाता है, यह रूप संकटमोचन का स्वरूप माना गया है.
संकट को दूर करते हैं हनुमान जी
हनुमान जी को संकटमोचक भी कहा जाता है. हनुमान चालीसा की चौपाई में गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा है, “संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा” अर्थात जो वीर हनुमान जी का स्मरण करता है उसके सभी तरह के कष्ट और पीड़ा अर्थात मानसिक शारीरिक या किसी भी तरह की परेशानी नहीं रहती है.
मंगलवार के दिन करें पूजा
यह बात हनुमान जी के गरुड़ स्वरूप को ध्यान में रखते हुए ही लिखी गई है. मान्यता है कि भगवान विष्णु का वाहन गरुड़ अमर है उसी के समान बजरंग बली भी अमर हैं. यही कारण है कि कलयुग के जाग्रत देवताओं में बजरंग बली को माना जाता है. बजरंग बली का पश्चिम मुखी स्वरूप जीवन की रुकावटों और परेशानियों का नाश करने वाला है, इसलिए जब कभी कोई व्यक्ति बहुत अधिक परेशानियों से घिरा हो या उसे पग पग पर बाधाओं का सामना करना पड़ रहा हो तो फिर उसे पश्चिम मुखी हनुमान जी के चित्र के सामने बैठ कर हनुमान जी की आराधना करनी चाहिए. यदि घर के आसपास पश्चिम मुखी हनुमान मंदिर है तो मंगलवार के दिन उनके दर्शन अवश्य करना चाहिए.
विशेष फलदायी होती है पूजा
गरुड़ की एक और विशेषता होती है कि यह आकार में गिद्ध से कुछ छोटा किंतु चील और बाज से बड़ा होता है. रामचरित मानस में जानकी जी को रावण से मुक्त कराने के लिए प्रभु श्री राम ने लंका पर चढ़ाई की तो एक बार मेघनाद ने उन्हें नागपाश में बांध दिया तब नारद जी के कहने पर गरुड़ ने ही उन सांपों को खाकर प्रभु को नागपाश से मुक्त कराया, इसलिए जटिल से जटिल बीमारी में पश्चिम मुखी हनुमान जी की उपासना विशेष फलदायी होती है और कष्ट से मुक्ति मिलती है.