Dhanteras 2022: धनतेरस पर लक्ष्मी-गणेश के साथ इन देवताओं के पूजन का भी है विधान, तभी प्रसन्न होती हैं मां लक्ष्मी
Dhanteras 2022 Puja Rules: हिंदू धर्म में कार्तिक माह का विशेष महत्व है. इस माह में कई बड़े त्योहार पड़ते हैं, जिसमें मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है. कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है. कहते हैं कि इस दिन मां लक्ष्मी के साथ गणेश जी की पूजा का भी विधान है. लेकिन इस दिन इन देवताओं की पूजा से ही मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है.
गणेश जी पूजा
धनतेरस के दिन पूजा का आरंभ गणेश पूजन से किया जाता है. गणेश जी को प्रथम पूजनीय माना गया है इसलिए किसी भी पूजा अनुष्ठान में पहले गणेश जी को पूजने का विधान है. धनतेरस के दिन गणेश जी की पूजा के लिए सबसे पहले गणेश जी को स्नान कराएं. इसके बाद विघ्नहर्ता श्री गणेश को चंदन-कुमकुम का तिलक लगाएं. इसके बाद लाल रंग के वस्त्र अर्पित करें और ताजे फूल चढ़ाएं. और इस मंत्र का जाप करें.
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ । निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
धन्वंतरी देव की पूजा
गणेश जी की पूजा करने के बाद धन्वंतरी देव की पूजा करें. इसके लिए सबसे पहले धन्वंतरी देव की मूर्ति स्थापित करें और उन्हें स्नान कराएं. धन्वंतरी देव का अभिषेक करें. इन्हें 9 प्रकार के अनाज का भोग लगाएं. शास्त्रों के अनुसार घन्वंतरी देव को पीली चीजें पसंद हैं इसलिए पीली मिठाई और पीली चीजों का भोग लगाएं. साथ ही इस मंत्र का जाप करें.
ॐ नमो भगवते महा सुदर्शनाया वासुदेवाय धन्वन्तरये अमृत कलश हस्ताय सर्व भय विनाशाय सर्व रोग निवारणाय त्रैलोक्य पतये, त्रैलोक्य निधये श्री महा विष्णु स्वरूप, श्री धन्वंतरि स्वरुप श्री श्री श्री औषध चक्र नारायणाय स्वाहा
धन के देवता कुबेर का पूजन
धनतेरस के दिन धन के देवता कुबेर देव के पूजन का भी विशेष महत्व बताया जाता है. गणेश जी और धन्वंतरी देव की पूजा के बाद विधि-विधान के साथ कुबेर देव की पूजा की जाती है. कुबेर देव की पूजा करने से व्यक्ति को कभी धन की कमी नहीं रहती. कुबरे देव की पूजा करते समय इस बात का ध्यान रखें कि उनकी पूजा प्रदोष काल में ही करें. पूजा के लिए कुबेर देव की मूर्ति स्थापित करें और उन्हें स्नान कराएं. पिर उन्हें फूल, फल, चावल, रोली. चंदन अर्पित करें. सफेद मिठाई का भोग लगाएं और मंत्र जाप करें.
ऊँ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं में देहि दापय।
मां लक्ष्मी का पूजन
धनतेरस के पूजा मां लक्ष्मी के पूजन के बिना अधूरी है. इनकी पूजा भी प्रदोष काल में की जाती है. मां लक्ष्मी की पूजा से पहले चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछा लें और उस पर एक मुट्ठू अनाज रखें. कलश में गंगाजल रखें और कलश के ऊपर सुपारी, फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने और अनाज रख दें. मां को पंचामृत से स्नान कराएं. फिर जल से स्नान कराएं और मां चंदन, इत्र, सिंदूर, हल्दी, गुलाल आदि लगाएं. आखिर में मां से सुख-समृद्धि और सफलता की कामना करें. मंत्र जाप करें.
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद, ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥