Mahashivratri 2021: बन रहे हैं कई विशेष संयोग, शुभ मुहूर्त में ऐसे करें पूजा, व्रत के खास नियम भी जानें

आज महाशिवरात्रि का त्योहार कई विशेष संयोगों में मनाया जा रहा है. इस दिन शिवलिंग पर दूध और जल से अभिषेक करने के साथ ही बेलपत्र अर्पित करने से श्रद्धालु की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

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महाशिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त

महाशिवरात्रि तिथि- 11 मार्च 2021, गुरुवार

चतुर्दशी तिथि प्रारंभ- 11 मार्च 2021 को दोपहर 2.39 बजे से

चतुर्दशी तिथि समाप्त-  12 मार्च 2021 को दोपहर 3.02 बजे 

पूजा का सबसे शुभ समय- निशिता काल रात में 12:06 से 12:54 बजे तक 48 मिनट का समय

महाशिवरात्रि पारण समय- 12 मार्च की सुबह 6.34 बजे से दोपहर में 3.02 तक

 

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महाशिवरात्रि पर 4 पहर की पूजा का समय

प्रथम प्रहर की पूजा का समय - 11 मार्च को शाम में 06:27 से रात में 09:28 बजे तक

दूसरे पहर की पूजा का समय - 11 मार्च को रात में 09:28 से बीच रात 12.30 तक

तीसरे पहर की पूजा का समय - 12 मार्च को रात 12:30 से रात 03:32 बजे तक

चौथे पहर की पूजा का समय - 12 मार्च को रात 03:32 से सुबह 06:34 बजे तक

 

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सौभाग्य और समृद्धि देने वाला है महाशिवरात्रि का व्रत

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इस दिन को शिव और शक्ति के मिलन के प्रतीक के तौर पर देखा जाता है. इस दिन भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती की भी पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव का व्रत रखने वालों को सौभाग्य, समृद्धि और संतान की प्राप्ति होती है. यह व्रत बेहद कल्याणकारी है और इससे अश्वमेध यज्ञ तुल्य फल प्राप्त होता है. पौराणिक ग्रंथों के अनुसार भगवान शिव ने ही धरती पर सबसे पहले जीवन के प्रचार-प्रसार का प्रयास किया था, इसीलिए भगवान शिव को आदिदेव भी कहा जाता है. 

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महाशिवरात्रि की पूजा से जुड़े नियम

-सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करके भोलेनाथ का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें.

-फिर शिवलिंग पर दूध और जल से अभिषेक करें, उन्हें बेलपत्र, धतूरा, फूल और अक्षत आदि अर्पित करें.

-इस बात का ध्यान रखें कि शिवलिंग पर कभी भी कदंब, केवड़ा या केतकी के फूल न चढ़ाएं.

-शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते वक्त ध्यान रहे कि उसके तीनों पत्ते हों और वह कहीं से भी कटे या टूटे न हों और बेलपत्र का चिकना भाग शिवलिंग से स्पर्श करना चाहिए.

-शिवलिंग पर जो चावल चढ़ाएं वे साबूत हों, ध्यान रहे कि टूटे चावल न चढ़ाएं.

-बेलपत्र चढ़ाने के बाद शिवलिंग पर जल भी जरूर अर्पित करें.

-शिवलिंग पर शंख से जल अर्पित ना करें और शिवलिंग पर हल्दी, कुमकुम या रोली न चढ़ाएं. शिवलिंग पर सिर्फ चंदन चढ़ाएं.

-शिव पुराण का पाठ करें और महामृत्युंजय मंत्र या शिव के मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप करें. 

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महाशिवरात्रि पर व्रत से जुड़े नियम

-महाशिवरात्रि का उपवास रख रहे हों तो पूरे दिन फलाहार ही करें और अनाज या नमक का सेवन न करें. 

-अगर सेहत से जुड़े कारणों की वजह से नमक खाना जरूरी है तो व्रत में इस्तेमाल होने वाले सेंधा नमक का ही सेवन करें.

-शिवजी को सफेद रंग के मिष्ठान का भोग लगाना चाहिए और खट्टे फलों का भोग लगाने से बचना चाहिए.

-व्रत करने वाले व्यक्ति को इस दिन सोना नहीं चाहिए. महाशिवरात्रि के दिन रात्रि जागरण करने का विशेष महत्व है.

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