Shani ke Upay: ज्‍योतिष शास्‍त्र में शनि गोचर और शनि की चाल में बदलाव को बहुत महत्‍वपूर्ण माना गया है. शनि की स्थिति में छोटा सा भी परिवर्तन जिंदगी पर बड़ा असर डालता है. 12 जुलाई 2022 को शनि गोचर करने जा रहे हैं. शनि ग्रह वक्री चाल चलते हुए कुंभ राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं. इसका कुछ राशि वालों पर नकारात्‍मक असर होगा. ऐसे में इस नकारात्‍मक असर से बचने के लिए और शनि की कृपा पाने के लिए घर में एक खास पौधा लगाना बहुत लाभ देगा. 


मालामाल कर देगा अपराजिता का पौधा 


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वास्‍तु शास्‍त्र में अपराजिता के पौधे को बेहद शुभ माना गया है. यह पौधा भगवान विष्‍णु को भी बेहद प्रिय है और इस पौधे को लगाने से शनि देव की कृपा भी बरसती है. घर में यह पौधा लगाने से घर में कभी पैसों की कमी नहीं होती है. इसके अलावा शनि देव और विष्‍णु जी की कृपा से हर काम में सफलता मिलती है. अपराजिता को विष्णुप्रिया, विष्णुकांता, गिरिकर्णी और अश्वखुरा भी कहते हैं.


सफेद और नीला दो रंग का होता है अपराजिता 


अपराजिता के फूल दो रंग के होते हैं - सफेद और नीले. दरअसल, अपराजिता एक बेल होती है. चूंकि इसे घर में लगाने से खूब पैसा मिलता है इसलिए इसे धन बेल भी कहते हैं. मान्‍यता है कि जैसे-जैसे अपराजिता की बेल बढ़ती है वैसे वैसे घर में पैसा-संपन्‍नता और खुशहाली बढ़ती है. वास्‍तु के मुताबिक सफेद और नीले रंग के फूलों वाली अपराजिता की बेल पैसे को आकर्षित करती है. सफेद अपराजिता घर में सुख-शांति भी बढ़ाती है, वहीं नीली अपराजिता घर के लोगों का बुद्धि-चातुर्य बढ़ाती है. जिन जातकों पर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही हो उन्‍हें शनि देव को अपराजिता के नीले फूल अर्पित करने की सलाह दी जाती है. 


ध्‍यान रखें कि अपराजिता की बेल घर की उत्तर दिशा में लगाना बहुत लाभ देता है. लेकिन इसे पश्चिम या दक्षिण दिशा में गलती से भी न लगाएं. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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