Pradosh Vrat Aarti: प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव जी की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर विशेष कृपा होती है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में आने वाला यह प्रदोष व्रत बहुत ही शुभ माना जाता है. मान्यता के मुताबिक अगर इस दिन कोई भी दंपति संतान की कामना करके पूजा करता है तो उसे संतान की प्राप्ति होती है. वहीं अगर किसी के घर में क्लेश चल रहा हो तो आज के दिन शिव की पूजा कर लेने से सारे क्लेश दूर हो जाते हैं.


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आरती के बिना पूजा अधूरी


आज के दिन पूजा के लिए दो शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. एक मुहूर्त शाम 4 बजकर 7 मिनट से शुरू होकर शाम 5 बजकर 28 मिनट तक रहेगा. वहीं दूसरा मुहूर्त शाम में 7 बजकर 7 मिनट से 8 बजकर 46 मिनट तक है. मान्याता है कि शुभ मुहूर्त में पूजा करने से भगवान शिव खुश होते हैं. ऐसे में पूजा के बाद आरती जरूर गाएं. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो पूजा अधूरी मानी जाएगी और शुभ फल नहीं मिलेगा.


शिव जी की आरती 


जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥


एकानन चतुरानन पंचानन राजे।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे॥
ॐ जय शिव...॥


दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे॥
ॐ जय शिव...॥


अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी॥
ॐ जय शिव...॥


श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥
ॐ जय शिव...॥


कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता॥
ॐ जय शिव...॥


ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका॥
ॐ जय शिव...॥


काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी॥
ॐ जय शिव...॥


त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे॥
ॐ जय शिव...॥


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)