Rahu Kaal: ग्रहों में राहु को मनुष्य के लिए अशुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि यह ग्रह मनुष्यों को अक्सर हानी ही पहुंचाता है. तबतक जबतक की कोई सुखद संयोग न बन जाए. हमारे धार्मिक ग्रंथों में राहु ग्रह को शुभ कार्यों में बाधा पहुंचाने वाला ग्रह बताया गया है. इसलिए कहा जाता है कि राहुकाल में कोई भी शुभ काम की शुरुआत न करें.


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नहीं मिलता है अनुकूल परिणाम


अगर कोई भी व्यक्ति राहु काल में काम की शुरुआत करता है तो उसे कार्य के अनुकूल परिणाम नहीं मिलते हैं. मनुष्य के जीवन में ग्रहों के आने जाने का हर दिन एक समय होता है. ऐसे में राहु के लिए भी एक समय निश्चित होता है. इसलिए जो भी समय निश्चित होता है उस ग्रह में राहु का आना और जाना होता है. इसी समय को शास्त्रों में राहु काल कहा गया है.


कब आता है राहुकाल का समय


धर्मग्रंथों के मुताबिक राहु काल कभी भी दिन के पहले भाग में किसी भी मनुष्य के जीवन में नहीं आता है. यह ग्रह कभी दिन में तो कभी शाम में मनुष्य के जीवन में प्रवेश करता है और सूर्यास्त से पहले आपकी कुंडली से निकल जाता है. ऐसे में आप इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि राहुकाल कभी भी रात में किसी की कुंडली में नहीं बैठता है.


कैसे करें इस ग्रह को शांत


मान्यताओं के मुताबिक जिसके कुंडली में यह ग्रह बैठ जाता है उस इंसान को यह कभी भी तरक्की नहीं करने देता है. इस ग्रह को मनुष्यों का दुश्मन ग्रह भी कहा जाता है. मान्यताओं के मुताबिक यह ग्रह जब भी आपकी कुंडली में आता है जीवन में उथल-पुथल मचा देता है. ऐसे में इस ग्रह समय-समय पर इस ग्रह की शांति के उपाय करते रहना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि राहु को शांत करने के लिए ज्योतिष्यों के पास उपाय तो है लेकिन इसे पूरी तरह से काबू नहीं किया जा सकता है. यानि कि कुछ न कुछ अपना प्रभाव छोड़कर ही जाता है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)