Raksha Bandha 2023: हिंदूओं का प्रमुख त्योहार रक्षाबंधन हर साल सावन महीने की पूर्णिमा पर मनाया जाता है. यह पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी या रक्षासूत्र बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र, सुख-समृद्धि की कामना करती हैं. वहीं भाई, अपनी बहनों को भेंट देते हैं और उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं. धर्म-ज्‍योतिष के अनुसार रक्षाबंधन हमेशा शुभ मुहूर्त में ही मनाना चाहिए. खासतौर पर रक्षाबंधन मनाने को लेकर भद्रा ध्‍यान रखना बेहद जरूरी है. साल 2023 में रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रहेगा. 


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रक्षाबंधन 2023 पर रहेगा भद्रा का साया 


हिंदू धर्म में भद्रा काल को अशुभ माना गया है, इस दौरान शुभ या मांगलिक काम करने की मनाही होती है. इस साल रक्षाबंधन का त्‍योहार 30 अगस्‍त 2023 को मनाया जाएगा. आमतौर पर सुबह से ही रक्षाबंधन मनाने का सिलसिला शुरू हो जाता है लेकिन कई दफ्तरों में रक्षाबंधन की छुट्टी ना होने के कारण दोपहर से लेकर रात तक भी रक्षाबंधन मनाते हैं. 


भद्रा काल के समय राखी बांधना वर्जित होता है. भद्रा काल में राखी बांधने से भाई-बहन दोनों के जीवन पर बुरा असर पड़ता है. खासतौर पर भाई के जीवन पर संकट आने की आशंका रहती है क्‍योंकि लंकापति रावण की बहन ने उसे भद्रा काल में राखी बांधी थी और उसी वर्ष भगवान राम ने रावण का वध कर दिया था. इसलिए भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ होता है. 


रक्षाबंधन 2023 मुहूर्त 


हिंदू पंचाग के अनुसार सावन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त, बुधवार की सुबह 10 बजकर 58 मिनट से शुरू होकर 31 अगस्त गुरुवार की सुबह 07 बजकर 5 मिनट तक रहेगी. इस दौरान भद्रा काल शाम से लेकर रात तक भद्रा रहने के कारण रात में प्रदोष काल का समय राखी बांधने के लिए सबसे शुभ रहेगा. 


रक्षा बन्धन भद्रा पूँछ - शाम 05:30 - शाम 06:31
रक्षा बन्धन भद्रा मुख - शाम  06:31 - रात 08:11
रक्षा बन्धन भद्रा अन्त समय - रात 09:01
राखी बांधने के लिए प्रदोष काल मुहूर्त - रात 09.01 - रात 09.05 (30 अगस्त 2023) यानी कि केवल 4 मिनट की अवधि. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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