Mythology Story: रामायण और महाभारत का वह धनुष, जिसके टंकार मात्र से कांप जाते थे तीनो लोक
Mythology Story: रामायण और महाभारत काल में एक से बढ़कर एक धनुष योद्धा के पास थे. कुछ धनुष ऐसे थे जिनकी प्रत्यंचा की टंकार मात्र से तीनों लोक कांप उठता था. तो आज जानते हैं कुछ ऐसे ही धनुष के बारे में.
Mythology Story: रामायण और महाभारत काल में कई तरह के खतरनाक धनुष और बाण के बारे में सुनने को मिलता है. वह धनुष-बाण इतने मजबूत और शक्तिशाली होते थे कि सृष्टि में तबाही ला सकते थे. कभी राम ने शक्तिशाली धनुष को अपने साथ रखा तो कभी अर्जुन ने. इन धनुषों की शक्तियां इतनी गजब की होती थी कि दुश्मन को पता ही नहीं चलता था कि कब बाण धनुष से छूटता था और कब निशाने पर जा लगता था. तो आज हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे ही महाशक्तिशाली धनुषों के बारे में जो कि बलशाली योद्धा रामायण और महाभारत काल में रखते थे.
पिनाक (अजगव)
पिनाक धनुष. इस धनुष को “अजगव” के नाम से भी जाना जाता है. भगवान शिव इस धनुष को अपने पास रखते थे. इसका निर्माण ब्रह्मा जी के द्वारा किया गया था. हालांकि मान्यताओं के मुताबिक कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि इसके निर्माता भगवान विश्वकर्मा हैं. पिनाक धनुष को महादेव की ओर से नारायण जी को दे दिया था. इस धनुष का उपयोग महादेव ने त्रिपुर संहार के समय किया था.
श्राङ्ग (शर्ख)
श्राङ्ग धनुष. यह धनुष भगवान विष्णु का शस्त्र है. इसे “शर्ख” के नाम से भी जानते हैं. श्राङ्ग को भगवान विष्णु ने प्राप्त किया था. इस धनुष को “गोवर्धन” भी कहा जाता है. इसी धनुष से भगवान विष्णु असुरों का नाश करते थे. इस धनुष का नाम सुनते ही असुरों के पसीने छूट जाते थे.
कोदंड
कोदंड धनुष. इस धनुष का प्रयोग श्रीराम करते थे. यह वही महान धनुष है दिससे प्रभु श्रीराम ने असंख्य दुराचारी राक्षसों के साथ-साथ रावण का भी वध किया था. इस धनुष की तेज इतनी थी कि बाण छूटते ही कब यह निशाने पर जा लगता था किसी को पता ही नहीं चलता था. राम के धनुष की तारीफ रावण अपने नाना माल्यवाण जी से भी कर चुका था.
गांडीव
गांडीव धनुष. इस धनुष को धारण पार्थ यानि कि अर्जुन करते थे. इस धनुष का निर्माण स्वयं परमपिता ब्रह्मा की ओर से किया गया था. बाद में इस धनुष को वरुण देव को दे दिया गया. इसी धनुष से उन्होंने कुरु वंश का नाश किया था. गांडीव की प्रत्यंचा के टंकार से तीनों लोक कांप उठता था.
विजय
विजय धनुष. इस धनुष को धारण करता था कर्ण. कर्ण की गिनती महाभारत के सबसे वीर योद्धाओं में होती थी. कर्ण को यह धनुष भगवान परशुराम की ओर से मिला था. इसी धनुष के सहारे कर्ण महाभारत युद्ध मैदान में उतरा था. मान्यता के मुताबिक इस धनुष की प्रत्यंचा को गिने चुने योद्धा ही काट सकते थे.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)