Ramayan Panchvati: ये है वो जगह जहां रावण ने किया था सीता हरण और लक्ष्मण ने काटी थी शुर्पानखा की नाक; जानें कैसे पड़ा पंचवटी नाम
Ramayan Panchvati Places: अयोध्या के राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा की शुरुआत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अनुष्ठान की शुरुआत नासिक के पंचवटी से की है. जानें श्री राम का पंचवटी से क्या कनेक्शन है.
Panchvati Shri Ram Connection: शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए 11 दिवसीय अनुष्ठान का आरंभ नासिक के पंचवटी से की है. बता दें कि पंचवटी का संबंध भगवान श्री राम से है. पंचवटी के बारे में रामायण, रामचरितमानस, रामचंद्रिका, साकेत, पंचवटी आदि में भी इसका जिक्र किया गया है. रामायण के अनुसार जब प्रभु श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण जी 14 साल के वनवास पर गए थे, तो उन्होंने अपना कुछ समय पंचवटी में काटा था और यहां पर वे कुटिया बना कर रहे थे.
ऐसा भी कहा जाता है कि पंचवटी में ही लक्ष्मण जी ने रावण की बहन शुर्पनखा की नाक काटी थी और यही से रावन ने माता सीता का हरण किया था. ये जगह नासिक के पंचवटी में स्थित है. ये गोदावरी नदी के तट पर स्थित है. यहां पांच बरगद के पेड़ हैं, जिस वजह से इसका नाम पंचवटी पड़ा. बता दें कि पंचवटी में हिंदूओं के कई विशेष धार्मिक स्थल हैं, जो कि भगवान श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण जी को समर्पित हैं. वहीं, यहां बहने वाली नदी गोदावरी में भी डूबकी लगाना शुभ माना गया है. इसके साथ ही, बता दें कि यहां हर 12 साल में कुंभ का मेल लगता है.
रामायण कथा से जुड़ी कुछ जगहों की झलक आज भी पंचवटी में देखने को मिलती है. इसमें राम-सीता की कुटीया से लेकर शुर्पनखा की नाक काटने वाली जगह भी शामिल हैं. आइए जानते हैं यहां कि प्रसिद्ध जगहों के बारे में.
राम कुटियाः कहते हैं कि वनवास के दौरान प्रभु श्री राम, सीता माता और लक्ष्मण जी पंचवटी में कुटिया बनाकर रहे थे. उन्हें मुनि भारद्वाज ने पंचवटी में रहने के लिए कहा था और यह दंडकारण्य जंगल का हिस्सा हुआ करता था.
शुर्पनखा की काटी थी नाकः राम कुटिया के पास एक तपोवन था, जहां पर लक्ष्मण जी ने रावण की बहन शुर्पनखा की नाक काटी थी. नाक को नासिका भी कहते हैं. इसलिए इसका नाम नासिक पड़ा.
सीता गुफाः पंचवटी में स्थित सीता गुफा वो जगह है, जहां से रावण ने सीता का अपहरण किया था. इतना ही नहीं, इस गुफा में भगवान श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण की मूर्तियां बनी हुई हैं.
राम कुंडः ये वही कुंड है, जिसमें भगवान श्री राम वनवास के दौरान स्नान किया करते थे. यहां हर 12 साल में कुंभ का मेला लगता है और लाखों श्रद्धालु यहां स्नान के लिए पहुंचते हैं. ऐसी भी मान्यता है कि इसमें कुंड में अगर अपनों का राख विसर्जित की जाती है, तो इससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है. ये भी बताया जाता है कि महात्मा गांधी की अस्थियां भी इसी में विसर्जित की गई थीं.
कालाराम मंदिरः बताया जाता है कि पंचवटी में स्थित ये मंदिर पेशवाओं ने बनवाया था. इसमें राम, सीता, लक्ष्मण की मूर्तियां काले रंग से बनी हुई हैं. इसके साथ भी ऐसा माना जाता है कि राक्षसों से छुटकारा पाने के लिए पंचवटी के साधुओं ने प्रभु श्री राम से प्रार्थना की थी. तब भगवान श्री राम ने काला रुप धारण कर उनका वध किया था.
इन सब के अलावा, पंचवटी में सुंदरनारायण मंदिर, श्रीकैलाश मठ (अक्षरधाम) भी देखने लायक जगह है. वहीं, जगह-जगह पर भगवान श्री राम, सीता और लक्ष्मण की कथा को चित्रित करती हुई कई सुंदर मूर्तियां भी शामिल हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)