Ramayan Story: यूं तो मर्यादा पुरुषोत्म श्री राम के बारे में सब जानते हैं कि वह जल्दी गुस्सा नहीं करते थे. लेकिन, क्या आपको पता है कि रामायण काल में भगवान राम को सात बार गुस्सा आया था. ये गुस्सा उन्होंने कब-कब और किस-किस पर किया था आज हम आपको बता रहे हैं. वहीं, उनके गुस्से का क्या असर दिखा था इस रिपोर्ट में हम पूरी जानकारी देंगे.


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सबसे पहले तो भगवान राम को बाल्य काल में ही गुस्सा आ गया था. इस गुस्से का शिकार काकभुशुण्डि हो गए थे. वहीं अंतिम गुस्सा उन्होंने अपने छोटे और प्यारे भाई भ्राता लक्ष्मण पर की थी. लेकिन इस बीच उन्हें और भी कई बार गुस्सा आया था. तो आज हम आपको बता रहे हैं उन्हें कब-कब गुस्सा आया था.


बालक राम का क्रोध


रामायण के बालकांड में भगवान राम को सबसे पहले गुस्सा आया था. सबसे पहले इस गुस्से का शिकार हुए काकभुशुण्डि. जब राम बाल्यकाल में खेल रहे थे तभी काकभुशुण्डि यह जांच करने के लिए उनके पास आ पहुंचा कि वह सच में अवतार हैं या एक सामान्य आदमी. जांचने के लिए काकभुशुण्डि ने उनपर चोंच मार दी थी. पीड़ा होने पर राम ऐसे गुस्सा हुए कि काकभुशुण्डि को उनके चरणों में गिरना पड़ा. तब जाकर राम ने उन्हें माफी दी.


शूर्पनखा पर क्रोध


आरण्य कांड में जब भगवान राम अपनी भार्या सीता के साथ वन में थे. इसी दौरान शूर्पनखा ने राम के समक्ष विवाह का प्रस्ताव रखा. जिसके बाद भगवान राम ने टाल दिया. प्रभु राम के मुंह से अपने प्रस्ताव को टालते देख उसने माता सीता पर हमला कर दिया. जिसके बाद राम गुस्सा हो गए थे. इसी दौरान लक्ष्मण ने सूर्पनखा का नाक काट दिया था.


बाली पर किया था क्रोध


भगवान राम से मिलने के बाद जब सुग्रीव ने अपनी व्यथा बताई तो वह गुस्से में हो गए थे. सुग्रीव की पीड़ा सुनकर राम बहुत ही ज्यादा क्रोधित हो गए थे. जिसके बाद उन्होंने कहा था कि पुत्र समान सुग्रीव जैसे छोटे भाई की पत्नी को रखने बाला बाली मरण योग्य ही है.


सुग्रीव पर भी गुस्सा हुए थे राम


बाली वध के बाद जब सुग्रीव को राजपाट मिला तब वह प्रभु राम को दिया वचन भूल गया. जिसके बाद राम प्रतीक्षा करते रहे कि शायद सुग्रीव को अपनी बात याद आ जाए. लेकिन जब सुग्रीव अपनी बात को भूल चुका था तब श्रीराम भयंकर रुप से क्रोधित हो जाते हैं. क्रोधित होकर राम ने लक्ष्मण के हाथों सुग्रीव को बहुत ही कठोर संदेश भिजवाये थे जिसके बाद सुग्रीव भागते हुए उनकी शरण में आया था.


समुद्र देव पर हुए थे क्रोधित


प्रभु राम लंका जाने के लिए समुद्र देवता से उनके तट पर बैठकर दो दिनों तक प्रार्थना करते रहे. इस दौरान वह समुद्र से रास्ता मांगते रहे लेकिन जब समुद्र ने उनकी प्रार्थना पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी तो प्रभु राम क्रोध में आ गए. क्रोधित अवस्था में राम ने अपने बाण से समुद्र को सुखा देने तक की धमकी दे डाली थी.


दुराचारी रावण पर हुए थे गुस्सा


यूं तो प्रभु राम हमेशा संयमित रहते थे और बहुत ही कम गुस्सा करते थे लेकिन एक बार उन्होंने रावण पर भी गुस्सा किया था. दरअसल, रावण अपनी शक्तियों के सहारे वानर सेना का नाश कर रहा था तब प्रभु राम गुस्सा हुए थे.


लक्ष्मण पर क्रोध


जब प्रभु राम ने अपनी लीला पूरी कर ली तब काल उनसे मिलने पहुंचा. मिलनेत से पहले काल ने कहा कि यह अत्यंत ही निजी बात है इसे किसी के सामने नहीं किया जा सकता है. इसके बाद प्रभु राम ने लक्ष्मण को मुख्य द्वार पर खड़ा कर दिया. जिसके बाद महर्षि दुर्वासा प्रभु राम से मिलने खुद पहुंच गए. जब लक्ष्मण ने उन्हें विनम्रता पूर्वक इंतजार करने को कहा तो श्रृषि क्रोधित हो गए और कहा कि मैं अभी श्राप देकर राज-पाट खत्म कर दूंगा. काफी सोच-विचार कर लक्ष्मण उनके प्रभु राम के पास पहुंच गए. जिसके बाद प्रभु राम लक्ष्मण पर क्रोधित हो गए.   


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)