Lord Hanuman Veer Avatar: हनुमान जी के कई रूप हैं और हर रूप की आराधना के अलग-अलग फल बताए गए हैं. हनुमान जी अतुलित बलशाली हैं और उनके लिए असंभव नाम का कोई कार्य नहीं है. इसलिए गोस्वामी तुलसीदास ने उनके बारे में लिखा, “कवन सो काज कठिन जग माहीं जो नहिं होइ तात तुम्ह पाहीं, राम काज लगि तब अवतारा, सुनतहिं भयउ पर्बताकारा” अर्थात जगत में ऐसा कौन सा कठिन काम है जो तात आपसे नहीं हो सकता है. प्रभु श्री राम का कार्य को पूरा करने के लिए ही तो आपका अवतार हुआ है, यह सुनते ही हनुमान जी ने अपने शरीर को पर्वत के आकार का कर लिया. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 


कहलाए जाते हैं संकटमोचक
बचपन में हनुमान जी इतने अधिक बलशाली और नटखट थे कि उनकी रोज रोज की शरारतों से तंग आकर जंगल में तपस्या करने वाले ऋषियों ने उन्हें अपने बल को भूल जाने का श्राप देते हुए कहा उनके शरीर में बल तभी वापस आएगा, जब उन्हें कोई उनकी शक्ति की याद दिलाएगा. हनुमान जी के इन्हीं गुणों के कारण उन्हें संकट मोचक भी कहा जाता है. इस लेख में हम बताएंगे कि हनुमान जी के वीर स्वरूप की पूजा करने के क्या लाभ हैं. 


 


पढ़ें पौराणिक कथा
अशोक वाटिका में हनुमान जी को बहुत ही छोटे से रूप में देख कर सीता माता को आशंका हुई, कि इन वानरों के माध्यम से कैसे इतने ताकतवर राक्षसों को जीता जा सकेगा. हनुमान जी ने सीता मां को विश्वास दिलाने के लिए अपने शरीर को विशाल आकार दे दिया. इतना ही नहीं बात बात पर वाटिका की रखवाली करने वाले न जाने कितने राक्षसों के साथ रावण के पुत्र अक्षय कुमार का वध कर डाला.   


 


बढ़ता है आत्मविश्वास
जिन लोगों का किसी भी कार्य को शुरू करने के पहले ही आत्मविश्वास डिग जाता है, उन्हें तो हनुमान जी के इस स्वरूप की हर हाल में आराधना करनी चाहिए. इस स्वरूप की पूजा करने से भक्त का साहस और आत्मविश्वास बढ़ता है. इस रूप के जरिये भगवान के बल, साहस, पराक्रम को जाना जाता है अर्थात भगवान राम के श्री चरणों की कृपा और उनके आशीर्वाद से व्यक्ति अपने किसी भी कार्य को संवार सकता है.


 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)