सावन का पहला मंगला गौरी व्रत आज, पूजा में जरूर पढ़ें ये व्रत कथा तभी होगी पूरी मुराद
Mangla Gauri Aarti: सावन का पहला मंगला गौरी व्रत आज 23 जुलाई को रखा जा रहा है. वैवाहिक जीवन की सारी समस्याएं से निजात पाने और मंगल दोष को करने के लिए यह दिन खास होता है. यहां पढ़ें मंगला गौरी व्रत कथा और आरती.
Mangala Gauri Vrat Katha: सावन महीने के सोमवार की तरह मंगलवार का दिन भी बहुत खास होता है. सावन के सभी मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखते हैं. यह व्रत सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र और वैवाहिक सुख पाने के लिए करती हैं. वहीं कुंवारी लड़कियां मनचाहा पति पाने के लिए यह व्रत करती हैं. इस साल सावन महीने में 4 मंगला गौरी व्रत रखे जाएंगे. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं.
मंगला गौरी व्रत पूजा मुहूर्त
आज मंगला गौरी व्रत पर पूजा करने के लिए अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से लेकर दोपहर 12 बजकर 55 मिनट तक और विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 44 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 39 मिनट तक है. वहीं आज द्विपुष्कर योग भी बना है जो कि 23 जुलाई की सुबह 5 बजकर 38 मिनट से सुबह 10 बजकर 23 मिनट तक रहेगा.
मंगला गौरी व्रत कथा
प्राचीन समय में एक शहर में धर्मपाल नाम का एक व्यापारी रहता था. उसकी पत्नी बहुत खूबसूरत थी और उसके पास काफी संपत्ति थी. उसके जीवन में केवल एक ही दुख था कि वह नि:संतान था. खूब पूजा-प्रार्थना के बाद उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई लेकिन वह भी अल्पायु था.
उसकी कुंडली से पता चला कि 16 साल में सर्प दंश से उसकी मृत्यु हो जाएगी. संयोग से उसकी शादी 16 वर्ष से पहले ही एक ऐसी युवती से हुई जो माता मंगला गौरी व्रत किया करती थी. इस व्रत के प्रभाव के कारण वह विधवा नहीं हो सकी और उसके पति को जीवनदान मिल गया.
मां मंगला गौरी की आरती
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता ब्रह्मा सनातन देवी शुभ फल कदा दाता।
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।
अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता।
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।
सिंह को वाहन साजे कुंडल है, साथा देव वधु जहं गावत नृत्य करता था।
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।
सतयुग शील सुसुन्दर नाम सटी कहलाता हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता।
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।
शुम्भ निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाता।
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।
सृष्टी रूप तुही जननी शिव संग रंगराता नंदी भृंगी बीन लाही सारा मद माता।
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।
देवन अरज करत हम चित को लाता गावत दे दे ताली मन में रंगराता।
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।
मंगला गौरी माता की आरती जो कोई गाता सदा सुख संपति पाता।
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)