Puja Path ke niyam: सनातन धर्म में सुबह और शाम की पूजा-आरती का बहुत महत्‍व है. ब्रह्म मुहूर्त से लेकर सूर्योदय तक का समय और सूर्यास्‍त के समय या उसके बाद भगवान की पूजा, आरती करना बहुत लाभ देता है. नियमित पूजा-पाठ करना मन को शांति, सकारात्‍मक सोच देता है. साथ ही देवी-देवताओं की कृपा से खूब सुख-समृद्धि, धन-दौलत, मान-सम्‍मान और कामों में सफलता मिलती है. जिस घर में रोजाना सुबह-शाम पूजा-पाठ, आरती होती है, वहां हमेशा सुख-समृद्धि रहती है. धर्म-शास्‍त्रों में सुबह-शाम की पूजा को लेकर कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन जरूर करना चाहिए. 


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शाम की आरती, पूजा-प्रार्थना में ना करें ये गलतियां 
 
सुबह और शाम यानी कि दोनों प्रहर की पूजा में कुछ बातों का ध्‍यान रखना चाहिए. शाम की आरती या पूजा में की गईं गलतियां बहुत नुकसान करवा सकती हैं. आइए जानते हैं कि शाम की पूजा के दौरान आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए


- हिंदू धर्म में भगवान को पूजा में फूल जरूर चढ़ाए जाते हैं. हमेशा ध्‍यान रखें कि सुबह की पूजा में ही फूल चढ़ाएं ना कि शाम के समय की पूजा में फूल चढ़ाएं. शाम के समय फूल तोड़ना अशुभ होता है. इसलिए ना तो शाम का फूल तोड़ें और ना ही शाम को भगवान को फूल चढ़ाएं. 


- शाम की पूजा में शंख और घंटी बजाने की भी मनाही की गई है. माना जाता है कि सूर्यास्‍त होते ही देवी-देवता सोने चले जाते हैं, ऐसे में शंख या घंटी बजाने से उनके आराम में खलल पड़ सकता है. 


- सूर्य देव की पूजा हमेशा सुबह करनी चाहिए. सूर्योदय से लेकर उसके बाद के 2-3 घंटे का समय ही सूर्य देव की पूजा के लिए सबसे शुभ होता है. डूबते हुए सूरज की पूजा करना जीवन में नकारात्‍मकता, नुकसान और संकट लाता है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)