Shani Dev: शनिदेव को तेल क्यों चढ़ाया जाता है? जानिए पीछे की रोचक कहानी और धार्मिक महत्व
Shanidev ko Tel Kyu Chadhaya Jata hai: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है. मान्यता है कि इस शनिदेव को तेल चढ़ाने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन के कष्ट कम हो जाते हैं. क्या आप जानते हैं शनिदेव को तेल क्यों चढ़ाया जाता है.
Shanidev Pauranik Katha: शनिदेव को न्याय के देवता, कर्मफल दाता और ग्रहों का राजा माना जाता है. नवग्रहों में सबसे शक्तिशाली ग्रह शनि माने जाते हैं. शनिदेव का नाम सुनते ही अक्सर लोगों को डर लगता है, क्योंकि उन्हें कठोर दंडदाता के रूप में जाना जाता है. लेकिन, शनिदेव केवल दंड नहीं देते, बल्कि वे कर्मों का फल भी देते हैं. यदि आपने अच्छे कर्म किए हैं, तो शनिदेव आपको सुख-समृद्धि प्रदान करेंगे, और यदि आपने बुरे कर्म किए हैं, तो आपको दंड भी भोगना होगा. शनिदेव न्यायधीश की तरह व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं.
शनिदेव को क्यों चढ़ाया जाता है तेल?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है. मान्यता है कि इस शनिदेव को तेल चढ़ाने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन के कष्ट कम हो जाते हैं. क्या आप जानते हैं शनिदेव को तेल क्यों चढ़ाया जाता है. आइए जानते हैं इसके पीछे का धार्मिक महत्व और पौराणिक कथा.
जब शनिदेव ने हनुमान जी को युद्ध के लिए ललकारा
पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार शनिदेव को हनुमान जी के बल और पराक्रम के बारे में पता चला. शनिदेव को पहले से अपने बल और शक्ति का घमंड था, इस कारण से वे बजरंगबली से युद्ध करने चले गए. न्याय के देव हनुमान जी के पास पहुंचे तो देखा कि हनुमान जी एक जगह पर आंख बंद कर राम जी की भक्ति में लीन बैठे थे. लेकिन घमंड में चूर शनिदेव ने फिर भी हनुमान जी को युद्ध के लिए ललकारा. इसके बाद हनुमान जी ने शनिदेव को समझाया की वह अपने प्रभु राम की भक्ति में लीन हैं, युद्ध करना सही नहीं है. समझाने के बाद भी शनिदेव युद्धि के लिए अड़े रहे. शनिदेव के न मानने पर बाद बजरंगबली युद्ध के लिए तैयार हो गए.
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तेल चढ़ाने का महत्व
जब दोनों के बीच युद्ध शुरू हुआ तो हनुमान जी ने शनिदेव को अपनी पूंछ में लपेटा और पत्थरों पर बार-बार पटका. इसके बाद शनिदेन काफी घायल हो गए और हनुमान जी से माफी मांगने लगे. फिर शनिदेव ने कहा कि वह श्रीरामजी और हनुमानजी के भक्तों को कभी परेशान नहीं करेंगे. इसी के साथ जो भी श्रीराम और हनुमानजी की पूजा करेंगे उनपर भी वह कृपा बनाए रखेंगे. युद्ध के बाद शनिदेव को काफी पीड़ा हो रही थी. दर्द-पीड़ा को देखते हुए हनुमान जी ने शनिदेव को तेल दिया जिसको लगाते ही सारा दर्द गायब हो गया. फिर शनिदेव ने कहा कि जो भी मनुष्य भक्तिभाव और श्रद्धाभाव से तेल चढ़ाएगा उसके सभी कष्टों का निवारण होगा और मनोकामनाएं पूरी हो जाएंगी.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)