Shani Mantra Jaap Vidhi: शनिदेव को न्याय के देवता और कर्मफल दाता के नाम से भी जाना जाता है. कहते हैं कि व्यक्ति के अच्छे-बुरे कर्मों के अनुसार ही उन्हें फल प्रदान करते हैं. अच्छे कर्म करने वाले लोगों को अच्छा और बुरे कर्म करने वाले लोगों को बुरे समय से गुजरना पड़ता है. कहते हैं कि शनि देव को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए शनि वार के दिन शनि देव की विधिपूर्वक पूजा करने के साथ मंत्र और आरती की जाए, तो वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों के दुख दूर करते हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

शास्त्रों में कहा गया है कि अगर शनि देव किसी व्यक्ति पर मेहरबान हो जाते हैं, तो उसे रंक से राजा बनाने में देर नहीं लगाते. वहीं, शनि की क्रूर दृष्टि व्यक्ति को पूरी तरह से बर्बाद कर देती है. कुंडली में शनि की कमजोर स्थिति व्यक्ति के जीवन में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न करती है. व्यक्ति का कोई भी काम आसानी से नहीं हो पाता. साथ ही, उसे हर काम में अड़चनों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में आज हम आपको शनि देव के मंत्रों के बारे में बताएंगे, जिन्हें जपने से व्यक्ति को जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं. 


शनिवार के दिन करें इन मंत्रों का जाप 


1. वैदिक मंत्रों के जाप से दूर होंगी बाधाएं


ऊँ शन्नो देवीरभिष्टडआपो भवन्तुपीतये।
शनि देव का एकाक्षरी मंत्र
ऊँ शं शनैश्चाराय नमः।


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस मंत्र का जाप सरसों के तेल में दो लौंग डालकर 51 बार करना चाहिए. ऐसा करने से आप किसी भी परिस्थिति में विचलित नहीं होंगे और कार्यों में आ रही बाधाएं दूर होंगी. 



2.ॐ शं शनिश्चराय नम:


शनिवार का दिन शनि देव की पूजा का दिन होता है. इस दिन सरसों के तेल का दीपक जलाया जाता है. ऐसे में शनिवार के दिन सूर्यास्त के बाद इस मंत्र का कम से कम 11 बार जाप करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है. बता दें कि ये मंत्र का जाप काले रंग के वस्त्र धारण करके ही करना चाहिए. 


3. साढ़े साती से बचने के लिए करें इस मंत्र का जाप


ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम ।
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात ।
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः। ऊँ शं शनैश्चराय नमः।
ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्‌।छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्‌।


ज्योतिष अनुसार इस मंत्र का  जाप कम से कम 101 बार करने से कुंडली में साढ़ेसाती का प्रभाव कम होगा और व्यक्ति को सुखों की प्राप्ति होती है.  


4.जीवन में सुख और सफलता पाने के लिए 


अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया।
दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।
गतं पापं गतं दु:खं गतं दारिद्रय मेव च।
आगता: सुख-संपत्ति पुण्योऽहं तव दर्शनात्।।


नियमित रूप से हर शनिवार के दिन सुबह और शाम के समय इस मंत्र का जाप किया जाता है. ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में हमेशा शांति बनी रहती है और सुख-समृद्धि का वास होता है. 


अपनी फ्री कुंडली पाने के लिए यहां क्लिक करें
 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)