Shiv Tandav Stotram: रावण ने की थी शिव तांडव स्त्रोत की रचना, नियमपूर्वक स्तुति करने के हैं ढेरों लाभ
Shiv Ji Puja: भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शास्त्रों में कई उपायों और पूजा-पाठ का जिक्र किया गया है. शिव तांडव स्त्रोत का भी शिव पुराण में विशेष महत्व बताया गया है. जानें इसकी उत्पत्ति कैसे हुई थी और इसके लाभ के बारे में.
Shiv Tandav Stotra Path: देवों के देव महादेव को वैसे तो सोमवार का दिन समर्पित है. लेकिन अपने ईष्ट देव की पूजा सप्ताह के सातों दिन करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. सिर्फ मनुष्य ही नहीं शिव भक्तों में अंहकारी रावण का नाम भी शामिल है. शिव तांडव स्त्रोत के बारे में तो आप सभी ने सुना पढ़ा होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं, शिव तांडव स्त्रोत की उत्पत्ति कैसे हुई थी और इसके पीछे की पौराणिक कथा के बारे में.
कैसे हुई थी शिव तांडव स्त्रोत की रचना
पौराणिक कथाओं के अनुसार रावण भगवान शिव का परम भक्त था और उनकी आराधना करता था. शिव जी को अपना गुरु मानता था. एक बार रावण ने भगवान शिव को कैलाश पर्वत समेत उठा कर लंका में लाने का विचार किया. ऐसे में रावण अपने अंहकार से भरा हुआ कैलाश पर्वत की ओर बढ़ा, तो उसे भगवान शिव के वाहन नंदी ने रोक लिया. और कैलाश की सीमा पार न करने को बोला. उस समय भगवान शिव तपस्या में लीन थे और रावण को उनकी तपस्या में वघ्न डालने से मना किया.
रावण को इस बात पर क्रोध आ गया और उन्होंने सीमा लांघ दी. अपने बल से जैसे ही कैलाश पर्वत को उठाने लगा, तभी महादेव ने अपने पैर के अंगूठे से दबा दिया. रावण कैलाश पर्वत के नीचे दब गया. उस समय उसने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए स्तुति की. उस स्तुति से भगवान शिव प्रसन्न हुए और रावण को मुक्त किया.
बता दें कि रावण ने उस समय जो स्तुति का पाठ किया था, वे शिव तांडव स्त्रोत ही था. इसका वर्णम वाल्मिकी रामायण में भी देखने को मिलता है. इस प्रकार शिव तांडव स्त्रोत की रचना रावण द्वारा की गई.
नियमित शिव तांडव की स्तुति से मिलते हैं ये लाभ
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शिव तांडव स्त्रोत का पाठ अगकर सोमवार के दिन किया जाए, तो भगवान सिव की असीम कृपा प्राप्त होती है और जीवन की सभी परेशानियों का अंत होता है.
- वहीं, अगर आपके किसी कार्य में बार-बार रुकावट आ रही है और सफलता हाथ नहीं लग रही, तो ये स्त्रोत का नित्य पाठ करें. इससे हर कार्य में सफलता मिलेगी.
- ऐसी मान्यता है कि जिन लोगों का आत्मबल कमजोर होता है, अगर वे शिव तांडव स्त्रोत का पाठ नियमित रूप से करें, तो उनको सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं. साथ ही, उनका मनोबल मजबूत होता है.
- शिव तांडव स्त्रोत का नियमित नियमपूर्वक पाठ करने से जीवन के दुख, चिंता, अनेक प्रकार के भय और ग्रह दोष आदि से शीघ्र मुक्ति मिलती है और भगवान शिव की कृपा बरसती है.
- शास्त्रों में बताया गया है कि शिव तांडव स्त्रोता का रोजाना पाठ करने से व्यक्ति का बड़े से बड़ा संकट टल जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)