TTD notice to non-Hindu employees: आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की सरकार बनने के बाद वहां पर मंदिरों में फैली अव्यवस्था की सफाई का अभियान जोरों पर है. अब तिरुपति मंदिर की व्यवस्था संभालने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड (TTD) मंदिर परिसर में जॉब कर रहे गैर-हिंदू कर्मचारियों को दूसरे विभाग में तबादले या अपनी इच्छा से VRS लेने को कहा है. माना जा रहा है कि बोर्ड के इस फैसले से करीब 300 कर्मचारियों पर असर पड़ सकता है. 


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सरकार के तहत आने वाला स्वायत्त ट्रस्ट


बताते चलें कि TTD आंध्र प्रदेश सरकार के तहत आने वाला एक स्वायत्त सरकारी ट्रस्ट है. इसके चेयरमैन और अन्य बड़े पदों पर नियुक्तियां सरकार करती है. जबकि बाकी पदों पर नियुक्ति बोर्ड चेयरमैन संभालते हैं. यही बोर्ड तिरुपति में तिरुमाला वेंकटेश्वरा मंदिर का प्रबंधन संभालने के लिए जिम्मेदार है.


काम करते हैं 7 हजार स्थाई कर्मचारी


TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, मंदिर परिसर में करीब 7 हजार स्थाई कर्मचारी काम करते हैं. इनमें से 300 कर्मी गैर- हिंदू यानी मुसलमान और ईसाई हैं. इस पर अक्सर विवाद होता रहा है. तर्क दिया जाता है कि जब चर्चों और मस्जिदों में  हिंदुओं को नौकरियां नहीं दी जाती है तो हिंदुओं के मंदिर में उनका क्या काम है. वैसे भी मंदिरों में मूर्तियों की पूजा-अर्चना होती है, जिसे गैर-हिंदू अपनी आस्था के खिलाफ मानते हैं. 


बोर्ड के फैसले को कर्मचारी यूनियनों का समर्थन


TTD बीआर नायडू ने बताया कि तिरुमाला मंदिर परिसर में 7 हजार स्थाई कर्मियों के अलावा करीब 14 हजार अस्थाई कर्मचारी भी काम करते हैं. इनमें से गैर-हिंदुओं को मंदिर छोड़ने के लिए कहा गया है. इसके लिए उन्हें दो ऑप्शन दिए जा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक बोर्ड के इस फैसले को कर्मचारी यूनियनों का भी खूब समर्थन मिल रहा है. 


जगन मोहन के कार्यकाल में बांटी गई नौकरियां


ट्रस्ट के मुताबिक, हिंदू मंदिर केवल हिंदुओं के लिए होने चाहिए. उनका संचालन भी हिंदुओं के हाथ में होना चाहिए. इसके लिए टीटीडी एक्ट में 3 बार संशोधन करके ट्रस्ट में निकलने वाली नौकरियों को केवल हिंदुओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान किया गया. इसके बावजूद बैकडोर से गैर- हिंदुओं को नौकरियां दी जाती रहीं. सूत्रों का दावा है कि सबसे ज्यादा नियुक्ति जगन मोहन रेड्डी के 10 वर्षीय शासनकाल में हुई. आरोप है कि ईसाई धर्म को मानने वाले जगन मोहन ने तिरुमाला मंदिर में भी ईसाइयों को नौकरियां बांट दी.