Mahashivratri 2024: भगवान शिव की उपासना करने के लिए खास तिथियों में शिवरात्रि और श्रावण मास को बताया गया है. इन विशेष तिथियों पर पूजा करने पर भोलेनाथ मनोकामना को पूरा करते हैं. इन सबमें महाशिवरात्रि का महत्व सबसे अधिक है क्योंकि माना जाता है कि इस दिन संसार के प्रत्येक शिवलिंग पर भगवान स्वयं ही वास करते हैं. महाशिवरात्रि के दिन जो महिलाएं व्रत रखकर भगवान शिव जी की आराधना करती है, उनके सुहाग की रक्षा स्वयं शिव जी करते हैं. 


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अच्छा वर पाने के लिए करें ये उपाय
यदि किसी कन्या का विवाह होने में देरी हो रही है अथवा उसे मनपसंद मैचिंग नहीं मिल पा रही है तो महाशिवरात्रि के दिन से शुरु करके प्रत्येक मासिक शिवरात्रि में भगवान शंकर की पूजा व्रत करना चाहिए. शिवलिंग को जल फिर दुग्ध, दही शहद आदि से अभिषेक करने के बाद फिर जल से अभिषेक कर भांग, धतूरा, फूल, माला, फल और मिष्ठान आदि चढ़ाने के साथ ही भोले बाबा से अच्छे वर की कामना करें. अविवाहित युवतियां वैवाहिक कामना के साथ 16 सोमवार के व्रत भी रख सकती हैं. 


 


देवों के देव हैं महादेव
भोलेनाथ को देवों का देव यूं ही नहीं कहा गया है बल्कि इसके पीछे महान कथाएं जुड़ी हुई हैं. पुराणों की कथाओं के अनुसार सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी, पालनहार श्री विष्णु, त्रेतायुग में मानव रूप में अवतार लेकर पृथ्वी पर मर्यादा को परिभाषित करने वाले श्रीराम और द्वापर युग में लीलाएं रचाने वाले श्रीकृष्ण ने भी संकट निवारण के लिए समय समय पर भोलेशंकर की उपासना की है.


 


जीवन के कष्ट होते हैं दूर
महादेव अपने सभी भक्तों को समान रूप से आशीर्वाद देकर उनकी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं फिर चाहे वह सामान्य मनुष्य हो या फिर देव अथवा दैत्य. रावण ही नहीं भस्मासुर ने भी उन्हीं की आराधना कर अपार शक्तियों के साथ कभी न मरने का वर प्राप्त किया था. भगवान शंकर की आराधना करने से जीवन में आने वाले दुख मिट जाते हैं और आनंद की प्राप्ति होती है. महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा और अखंड सौभाग्य के लिए उनकी आराधना करती हैं तो अविवाहित कन्याएं मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए शिव जी का व्रत और उपासना करती हैं.  


 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)