Vastu Dosh Tips: घर की एक दीवार ऐसी होती है जो अगर टूट जाए या उसे खोल दिया जाए तो वहां से दरिद्रता आने लगती है. इसके कारण घर के मालिक की सेहत में गिरावट होने लगती है. यह स्थान घर के दक्षिण और पश्चिम के बीच का स्थान है जिसे नैऋत्य कोण कहते हैं. जिस प्रकार पूरब या उत्तर महत्वपूर्ण है उसी प्रकार दक्षिण और पश्चिम का कोना नैऋत्य भी महत्वपूर्ण है. हम लोग पूरब और उत्तर के बीच का कोना जिसे ईशान कोण कहते हैं उस पर तो ध्यान दे देते हैं लेकिन ठीक इसके सामने दक्षिण और पश्चिम के मध्य  का कोना नैऋत्य को अक्सर बहुत महत्व नहीं देते हैं. 


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राहु का स्थान
यह स्थान राहु का होता है यहीं पर पितरों का भी स्थान है और यह स्थान जब डिस्टर्ब हो जाता है तब घर के मुखिया या जिसके नाम जमीन होती है उसकी सेहत में गिरावट आने लगती है अनेक प्रकार की बीमारियां प्रारंभ हो जाती हैं खास कर पत्रक बीमारियां प्रारंभ होने की संभावनाएं अधिक हो जाती हैं इसलिए अगर घर के मालिक की तबीयत ठीक नहीं रहती है तो एक बार अपने घर का नृत्य को जरूर देखें कहीं ऐसा ना हो कि वहां की दीवार टूटी होया खिड़की हो या दरवाजा हो. 


पृथ्वी तत्व का वास
इस कोने में पृथ्वी तत्व का वास होता है इसलिए यहां पर पृथ्वी तत्व का होना बहुत जरूरी है और अगर यहां की दीवार टूट जाए या दरवाजा या खिड़की बन जाए तो निश्चित रूप से घर के मालिक की सेहत में गिरावट आना शुरू हो जाती है. इसके कारण घर के सदस्य सुकून से नहीं रह पाते. इससे घर की शांति भंग होती है. नैऋत्य के स्थान पर भोजन करने से भी बचना चाहिए.  


क्या करें उपाय 
अपने इष्ट देव पर भरोसा रखते हुए उनसे प्रार्थना करें. पूजा घर में गंगा जल रखें.अपने पूर्वजों के प्रति आदर सम्मान रखें घर में लगी उनकी फोटो को सम्मान दें. बड़े बुजुर्गों की सेवा करें. हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ नित्य करें ऐसा करने से घर में वास्तु से संबंधित पीड़ा में कमी आने लगती है कुछ ऐसे संयोग बनते हैं जिससे वास्तु दोष का निवारण हो जाता है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)