Pitru Paksha 2024: गणेश विसर्जन, पूर्णिमा व्रत और पितृपक्ष प्रारंभ को लेकर लोगों में भ्रम हो गया है, भ्रम होने का कारण एक ही दिन पर दो तिथि, व्रत और त्योहार होने की वजह से है. ज्‍योतिषाचार्य पंडित शशिशेखर त्रिपाठी जी से जानिए कब कौन सा व्रत रखा जाएगा? गणेश विसर्जन कब करना है और पितृ पक्ष या श्राद्ध कब से प्रारंभ होंगे? इसके साथ ही पितृपक्ष की सभी तिथियां भी जानिए. 

 


इस समय करें गणेश विसर्जन 

 

अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश का विसर्जन होता है. चतुर्थी से लेकर चतुर्दशी यानी पूरे 10 दिनों तक गणेश उत्सव बहुत धूमधाम एवं भक्ति भाव से मनाया जाता है. 16 सितंबर से दोपहर 3:10 से चतुर्दशी तिथि लगने के कारण इस दिन से ही अनंत चतुर्दशी की शुरुआत हो जाएगी,  जो अगले दिन 17 सितंबर को सुबह 11:44 तक रहेगी,  इसलिए 17 सितंबर  को सुबह 6 बजे से 11:44 तक पूजन व विसर्जन सम्पन्न कर लें.

 


इस दिन रखें अनंत चतुर्दशी और पूर्णिमा का व्रत

 

जो लोग अनंत चतुर्दशी और पूर्णिमा का व्रत रखते हैं, उन्हें 17 सितंबर के दिन व्रत रखना है. 17 सितंबर को सूर्योदय के समय चतुर्दशी तिथि होगी इसलिए अनंत चतुर्दशी का व्रत 17 को ही  रखा जाना चाहिए. जो लोग पूर्णिमा का व्रत रखते है, उन्हें भी 17 सितंबर के दिन ही व्रत रखना है. अब यह भ्रम हो सकता है कि अनंत चतुर्दशी के दिन पूर्णिमा कैसे दरअसल सूर्योदय के समय चतुर्दशी थी इसलिए दिन में चतुर्दशी और चंद्रोदय के समय पूर्णिमा लगी थी इसलिए पूर्णमासी व्रत भी इसी दिन रखा जाएगा.

 


इस दिन से शुरू होगा पितृपक्ष 

 

भाद्रपद पूर्णिमा से श्राद्ध का आरंभ हो जाता है, जो आश्विन अमावस्या तक चलता है. श्राद्ध के दिन को लेकर लोगों में भ्रम हो रहा है. भ्रम होने का कारण यह है कि सामान्यतः प्रतिपदा यानी पहली तिथि से हिन्दी मास प्रारम्भ होता है लेकिन भाद्रपद की पूर्णिमा को पूर्णिमा श्राद्ध होता है और यह 17 सितंबर को है.  निर्णयदीप में गर्गाचार्य ने कहा है कि केवल भाद्रपद की पूर्णिमा को छोड़कर अन्य पूर्णिमाओं में पिंडदान का निषेध है, क्योंकि भाद्रपद की पूर्णिमा अमावस्या के तुल्य मानी गई है. इसलिए पितृपक्ष 17 सितंबर से शुरू होकर 2 अक्टूबर तक चलेगा.

 


श्राद्ध की तारीख और तिथि

 

17 सितंबर: पूर्णिमा श्राद्ध

18 सितंबर: प्रतिपदा श्राद्ध

19 सितंबर: द्वितीया श्राद्ध

20 सितंबर: तृतीया श्राद्ध

21 सितंबर: चतुर्थी श्राद्ध

22 सितंबर: पंचमी और षष्ठी श्राद्ध (दोनों एक ही दिन)

23 सितंबर: सप्तमी श्राद्ध 

24 सितंबर: अष्टमी श्राद्ध

25 सितंबर: नवमी श्राद्ध

26 सितंबर: दशमी श्राद्ध

27 सितंबर: एकादशी श्राद्ध

29 सितंबर: द्वादशी श्राद्ध

30 सितंबर: त्रयोदशी श्राद्ध

1 अक्टूबर: चतुर्दशी श्राद्ध

2 अक्टूबर: अमावस्या श्राद्ध

 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)