Margshirsh Pardosh Vrat Kab Hai: भगवान शिव दुनिया को चलाने वाले सबसे बड़े ईष्ट हैं. कहते हैं कि जिस जातक पर महादेव और मां पार्वती की कृपा हो  जाए, उसे अकाल मृत्यु नहीं आ सकती. ऐसा व्यक्ति दुख, शोक और संताप से भी ऊपर उठ जाता है. वह व्यक्ति जीवन के उपरांत मोक्ष को प्राप्त करता है. भगवान शंकर और मां पार्वती की कृपा हासिल करने के लिए प्रत्येक माह आने वाली त्रयोदशी तिथि को उत्तम माना जाता है. इसकी वजह ये है कि इसी दिन प्रदोष व्रत किया जाता है. मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से भगवान शिव की आराधना की जाए तो वे अपने भक्तों का कष्ट हरने के लिए दौड़े चले आते हैं. 


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गुरु प्रदोष व्रत नवंबर 2024 तिथि 


हिंदू पंचांग के मुताबिक, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 नवंबर को सुबह 6.23 बजे से शुरू हो रही है. इस तिथि का समापन 29 नवंबर को सुबह 8.39 बजे होगा. इस हिसाब से मार्गशीर्ष माह का पहला प्रदोष वर्त 28 नवंबर को होगा. चूंकि इस दिन गुरुवार है, इसलिए इसे गुरु प्रदोष कहा जाएगा. 


गुरु प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त


मार्गशीर्ष माह में पड़ने वाले पहले प्रदोष व्रत में पूजा का शुभ मुहूर्त 28 नवंबर को शाम 05 बजकर 24 मिनट से लेकर 08 बजकर 06 मिनट तक है. ज्योतिषियों के अनुसार, इस मुहूर्त में पूजा करने से भोलेनाथ और मां पार्वती दोनों का आशीर्वाद मिलता है. 


गुरु प्रदोष व्रत की पूजा का महत्व


धार्मिक विद्वानों के मुताबिक, अगर आपके बनते हुए काम अटक रहे हैं. नया काम शुरू किया है लेकिन उसमें सफलता नहीं मिल पा रही है. परिवार में अक्सर कलह रहती है तो आप गुरु प्रदोष व्रत कर सकते हैं. ऐसा करने से सारी दुख-परेशानियों से निजात मिल जाती है. इस दिन पूजा की थाली में भगवान शिव को प्रिय भोग अर्पित करने चाहिएं. ऐसा करने से पूरे परिवार पर उनकी कृपा बरसती है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)