Claping During Worship: अक्सर आपने देखा होगा कि मंदिर में या घर में पूजा के दौरान वहां मौजूद लोग आरती के समय ताली बजाते हैं. लेकिन, क्या आपको पता है कि ऐसा क्यों करते हैं. इसके पीछे कई तरह की मान्यताएं हैं. तो आज हम आपको धार्मिक और वैज्ञानिक कारण बताते हैं कि आखिर ऐसा क्यों करते हैं.


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ताली बजाना क्यों है जरूरी?


लोग जब भगवान की पूजा करते हैं या आरती गाते हैं तो उस दौरान भक्ति में इतने लीन होते हैं कि वह खुशी के मारे ताली बजाना शुरू कर देते हैं. मान्यता है कि ताली बजाने से भक्ति और समर्पण का भाव सामने आता है. इसके अलावा ताली बजाना ईश्वर के प्रति खुशी और प्रेम को दिखाने का एक तरीका है.


सकारात्मक ऊर्जा का होता है प्रवाह


माना जाता है कि भजन-कीर्तन के समय ताली बजाने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और नकारात्मक ऊर्जा को खत्म हो जाता है. ताली बजाने के अलावा शंख और घंटा बजाने की परंपरा बहुत पहले से चली आ रही है. धार्मिक मान्यता है कि पूजा के दौरान जब भक्त ताली बजाते हैं तो वह प्रसन्न होते हैं और नकारात्मक शक्तियां दूर भाग जाती है.


ताली बजाने का वैज्ञानिक महत्व


ताली बजाने का वैज्ञानिक कारण भी है. ऐसा करने से हथेलियों में बने हुए एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स पर जोर पड़ता है. जोर पड़ने के कारण प्वाइंट्स सक्रिय हो जाते हैं. जिससे शरीर में रक्त का बेहतर संचार होता है. ताली बजाने से कई प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है. इसके अलावा ताली बजाने से मन को शांति मिलती है.


अक्सर आपने देखा होगा कि योग के शिक्षक योग करते समय ताली बजवाते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि ताली बजाने से शरीर में एक अलग तरह की ऊर्जा का संचार होता है. जो कि आपके मन-मस्तिष्क को एक्टिव कर देता है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)