हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है. यह वह समय होता है जब हम अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पितृ पक्ष एक महीने तक क्यों मनाया जाता है? और ऐसे कौन से कर्म हैं जिनसे हमारे पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है? आइए जानते हैंः



पितृ पक्ष का कालखंड


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पितृ पक्ष आमतौर पर एक महीने का होता है. इस अवधि में श्राद्ध कर्म किए जाते हैं. श्राद्ध कर्म का उद्देश्य पितरों का पिंडदान करना और उन्हें तृप्त करना होता है. मान्यता है कि इस दौरान पितर धरती पर आते हैं और अपने वंशजों द्वारा किए गए श्राद्ध कर्म से प्रसन्न होते हैं.


 


पितृ पक्ष मनाने का कारण




पितरों को मोक्ष दिलाने के उपाय


  • पिंडदान: पितृ पक्ष में पिंडदान करना सबसे महत्वपूर्ण कर्म है. पिंडदान से पितरों को तृप्ति मिलती है.

  • तर्पण: तर्पण में जल का तिल मिलाकर पितरों को अर्पित किया जाता है. यह भी एक महत्वपूर्ण कर्म है.

  • श्राद्ध भोजन: श्राद्ध भोजन में ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए.

  • दान: दान करना भी पुण्य का काम है. पितृ पक्ष में दान करने से पितरों को शांति मिलती है.



निष्कर्ष


पितृ पक्ष हमारे पूर्वजों को याद करने और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने का एक पवित्र अवसर है. पितृ पक्ष में किए गए श्राद्ध कर्म से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और पितृ दोष का निवारण होता है. इसलिए हमें पितृ पक्ष का महत्व समझते हुए अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित करनी चाहिए.



अन्य महत्वपूर्ण बातें


  • पितृ पक्ष की तिथि हर साल बदलती रहती है.

  • पितृ पक्ष में कौन से दिन श्राद्ध करना चाहिए, यह व्यक्ति की जन्म तिथि पर निर्भर करता है.

  • श्राद्ध कर्म को विधिपूर्वक करना चाहिए.

  • यदि आप श्राद्ध कर्म नहीं कर पा रहे हैं तो आप किसी पंडित से संपर्क कर सकते हैं.


यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है. किसी भी धार्मिक अनुष्ठान को करने से पहले किसी जानकार से सलाह लें.