Moon Apollo 11 News: 'दूसरी दुनिया' की तलाश में जुटे वैज्ञानिकों को एक बड़ी सफलता मिली है. चांद की सतह पर उन्हें एक ऐसी गुफा के प्रमाण मिले हैं, जहां भविष्य में इंसानों के टिकने की उम्मीद जगी है. दिलचस्प बात यह है कि गुफा अपोलो 11 की लैंडिंग साइट से ज्यादा दूर नहीं है. हां, वही अपोलो 11 यान जो 55 साल पहले चांद की सतह पर उतरा था. तब नील आर्मस्ट्रांग और बज एल्ड्रिन ने चांद पर चहलकदमी की थी. 



COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

साइंटिस्टों ने बताया है कि चांद पर गुफा उस जगह से 400 किमी की दूरी पर है. शोधकर्ताओं ने NASA के रोबोटिक यान 'लूनर रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर' से मिली जानकारी का विश्लेषण कर यह निष्कर्ष निकाला है. यही नहीं, साइंटिस्टों ने चांद पर मिली गुफा के निशान की तुलना धरती पर प्राकृतिक रूप से बनी सुरंग के ढांचे से की है, जो लावा बहाव से बन जाती है. ये नतीजे Nature Astronomy जर्नल में प्रकाशित हुए हैं. 


यह गुफा कम से कम 100 मीटर लंबी हो सकती है. शोधकर्ताओं का दावा है कि यह तो केवल एक है, लेकिन चांद की सतह पर सैकड़ों गुफाएं हो सकती हैं. 


क्यों क्रांतिकारी है यह खोज?


यह खोज इंसानों के लिए एक बड़ी सफलता है क्योंकि इससे साफ हो जाता है कि चांद की सतह पर गुफा एक बेहतरीन ठिकाना हो सकती है. यह मुश्किल वातावरण में एक बेहतर आश्रय प्रदान कर सकती है. इससे चांद पर लंबे समय तक टिक कर रिसर्च करना वैज्ञानिकों के लिए आसान हो जाएगा. 


चंद्रमा पर सबसे गहरे ज्ञात गड्ढे से गुफा तक पहुंचा जा सकता है. यह Mare Tranquillitatis में मौजूद है. ऐसे गड्ढे वहां 200 से ज्यादा ढूंढे गए हैं जो लावा ट्यूब के ढहने से बने होंगे. 


NASA का प्लान


अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा, चांद पर एक सेमी-परमानेंट (अर्ध-स्थायी) क्रू बेस बनाने की दिशा में काम कर रही है. चीन और रूस भी चांद पर रिसर्च बेस बनाने के इच्छुक हैं. हालांकि अब तक टेंशन यह थी कि चांद पर बेस तभी बनाया जा सकता है जब ब्रह्मांडीय विकिरण से कोई खतरा न हो और एक स्थिर तापमान वाला वातावरण मिले. 


अब गुफा के बारे में जानकारी मिलने से आपातकालीन घर का रास्ता साफ हो गया है. जी हां, इस गुफा में रहते हुए अंतरिक्षयात्री स्वाभाविक रूप से हानिकारक ब्रह्मांडीय किरणों, सौर विकिरण और सूक्ष्म उल्का पिंडों से सुरक्षित रहेंगे. (फोटो- Lexica AI)


पढ़ें: मंगल ग्रह का युद्ध के देवता से कैसा कनेक्शन? दिलचस्प है दूसरी दुनिया की कहानी