Artificial Diamond:  हीरे शुद्ध कार्बन से बने होते हैं जिन्हें क्रिस्टल में व्यवस्थित किया जाता है. अधिकांश हीरों का निर्माण 1 से 3 अरब साल पहले पृथ्वी की सतह के नीचे तीव्र गर्मी और उच्च दबाव के तहत हुआ था. इन चरम स्थितियों में हीरे को मजबूती से बंधी हुई परमाणु संरचना मिलती है जिसकी वजह से वे दुनिया में सबसे कठोर पदार्थ बन जाते हैं. हालांकि मशीन के उपयोग के जरिए हीरे को विकसित करना भी संभव है जो पृथ्वी में पाए जाने वाले हीरे बनाने वाली प्राकृतिक प्रक्रियाओं की तरह होता है. पहली बार 1950 के दशक में विकसित की गई इस तकनीक को उच्च दबाव उच्च तापमान पर अमल में लाया गया. इसमें आमतौर पर कार्बन स्रोत सामग्री को 2300°C से अधिक तापमान तक गर्म कर 6.5 से 8.5 GPa के दबाव के तहत गुजारा जाता है. 


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श्मशान की राख से हीरे का निर्माण


हीरे को बनाने के लिए कार्बन की जरूरत होती है. यह तत्व मनुष्यों के पास प्रचुर मात्रा में होता है. मानव शरीर का लगभग 18.5 प्रतिशत हिस्सा कार्बन से बना है और हमारे अंतिम संस्कार में आमतौर पर 2.5 से 8.5 मिलीग्राम कार्बन निकलता है चूंकि कृत्रिम हीरा बनाने के लिए केवल 1 मिलीग्राम कार्बन की आवश्यकता होती है और इसे मानव शरीर से हासिल किया जा सकता है. यह जटिल तो है लेकिन आकर्षक प्रक्रिया है. दाह संस्कार की गई हड्डियों में कार्बन कार्बोनेट के रूप में मौजूद होता है, एक नमक जिसमें एक कार्बन और तीन ऑक्सीजन परमाणु होते हैं. सबसे पहले कार्बोनेट में कुछ अशुद्धियों को अलग करने के लिए गैसों का उपयोग किया जाता है, फिर उच्च तापमान और कम ऑक्सीजन वाले वातावरण का उपयोग करके कार्बोनेट को शुद्ध कार्बन में बदल दिया जाता है.


राख की मुंहमांगी कीमत


कार्बन को किसी भी सिंथेटिक हीरे के समान एचपीएचटी प्रक्रिया से गुजरने से पहले एक छोटे हीरे के बीज में जोड़ा जाता है. हालांकि प्रयोगशालाएं उचित मात्रा में जेनेरिक कार्बन मिलाती हैं जो अंतिम संस्कार के अवशेषों से प्राप्त नहीं होता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि राख में अभी भी अशुद्धियां होती हैं जो हीरे के रंग  को प्रभावित कर सकती हैं. वास्तव में अंतिम संस्कार किए गए मानव अवशेषों से तथाकथित व्यक्तिगत कार्बन तैयार उत्पाद में कुल कार्बन का लगभग 10 से 15 प्रतिशत ही बनेगा. ऐसी कई कंपनियां हैं जो लोगों को अंतिम संस्कार के अवशेषों को हीरे में बदलने की अनुमति देती हैं. कीमतें गुणवत्ता पर निर्भर करती हैं एक श्मशान संस्थान के मुताबिक इसकी कीमत $750 से $20,000 तक हो सकती है.