नई दिल्ली: आज दुनियाभर में Earth Hour 2022 मनाया जा रहा है. दरअसल, बिजली बचाने के मकसद से इस दिन को मनाया जाता है. बता दें कि Earth Hour वर्ल्ड वाइड फंड (WWF) का एक अभियान है, जिसका लक्ष्य लोगों को बिजली के महत्व के प्रति और पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जागरुक करना है. Earth Hour में दुनियाभर के नागरिकों से न सिर्फ एक घंटे के लिए गैरजरूरी लाइट्स को बंद रखने की अपील की जाती है, बल्कि सौर ऊर्जा को भी अपनाने की सलाह भी दी जाती है. तो चलिए जानते हैं कि इस दिन की शुरुआत कब हुई थी और मार्च के आखिरी शानिवार को ही ये दिन क्यों मनाया जाता है. 


2007 में हुई थी Earth Hour की शुरुआत 


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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, Earth Hour की शुरुआत साल 2007 में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में हुई थी. इसके बाद धीरे-धीरे यह दुनियाभर में फेमस हो गया है. 2008 में 35 देशों ने Earth Hour-डे में हिस्सा लिया. अब Earth Hour में 178 देश शामिल हो गए हैं. 


जानें-आखिर क्यों शनिवार को मनाया जाता है ये दिन 


आमतौर पर Earth Hour हर साल मार्च के आखिरी शनिवार को मनाया जाता है. बता दें कि कई लोग कैंडल जलाकर Earth Hour को सेलिब्रेट करते हैं. आज यानी 26 मार्च को Earth Hour-डे मनाया जा रहा है.


Earth Hour की जरूरत क्यों पड़ी?


अब सवाल ये भी उठता है कि Earth Hour की जरूरत महसूस क्यों हुई. दरअसल, इस अभियान में एक घंटे के लिए बिजली बचा लेने से कोई बड़ा बदलाव तो नहीं हो जाएगा, लेकिन एक के दिन की गई कोशिश और लोगों की एकजुटता में यह मैसेज देने की कोशिश करते हैं कि बिजली बचाएं. इसके जरिए ही क्लाइमेट में तेजी से हो रहे बदलाव के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है.


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