ISRO Gaganyaan Mission Launch: गगनयान मिशन के रॉकेट की पहली टेस्ट फ्लाइट अगले साल की शुरुआत में हो सकती है. सभी टेस्ट सही रहे तो गगनयान के 2026 के अंत में अंतरिक्ष के लिए उडान भरने की उम्मीद है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन एस सोमनाथ ने सोमवार का गगनयान मिशन की संभावित टाइमलाइन के बारे में बताया. गगनयान, भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है. भारत की योजना गगनयान के जरिए पहले अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने और सकुशल धरती पर वापस लाने की है.


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गगनयान मिशन: रॉकेट रेडी, अब टेस्ट लॉन्च की तैयारी


सोमनाथ ने IIT गुवाहाटी में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, 'हम पिछले चार सालों से गगनयान प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. हमारा रॉकेट पूरी तरह से तैयार है. (पहली मानवरहित परीक्षण उड़ान) लॉन्च अगले साल की शुरुआत में होने वाला है. हम इसे इस साल दिसंबर में करना चाहते थे, लेकिन तकनीकी दिक्कतों के कारण इसे थोड़ा आगे बढ़ाया जा रहा है.'


ISRO चेयरमैन के मुताबिक, क्रू के साथ 2026 के अंत में उड़ान से पहले, तीन और लॉन्च किए जाएंगे. सोमनाथ ने बताया, 'पहले लॉन्च के तहत हम व्योममित्र नामक रोबोट को अंदर रखेंगे. यह लॉन्च अगले साल की शुरुआत में होगा. उसके बाद हम इसी तरह के दो और लॉन्च करेंगे. तीनों लॉन्च सफल होने के बाद, हमारे पास क्रू मिशन होगा. सभी अंतरिक्ष यात्री तैयार हैं. हमारा लक्ष्य 2026 के अंत तक गगनयान लॉन्च करना है.'


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क्या है गगनयान मिशन?


गगनयान में बैठकर जाने वाले भारतीय एस्ट्रोनॉट पृथ्‍वी से 400 किलोमीटर ऊपर की कक्षा में करीब तीन दिन बिताएंगे. फिर इस यान को भारत की समुद्री सीमा में उतारा जाएगा और सभी एस्ट्रोनॉट्स को सुरक्षित तरीके से धरती पर वापस लाया जाएगा. भारत गगनयान मिशन के जरिए अंतरिक्ष में इंसान को भेजने की क्षमता हासिल करना चाहता है.


कौन हैं वे लकी एस्ट्रोनॉट्स?


फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार एस्ट्रोनॉट्स के नामों की घोषणा की थी. फिलहाल वे मानव अंतरिक्ष उड़ान की ट्रेनिंग ले रहे हैं. गगनयान मिशन के लिए चुने गए चार एस्ट्रोनॉट्स के नाम हैं: ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला.


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ISRO की शान में चार चांद लगाएगा गगनयान


गगनयान मिशन की अनुमानित लागत 90 बिलियन डॉलर बताई जाती है. अगर यह स्वदेशी मिशन सफल रहा तो भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश बन जाएगा जिसने अंतरिक्ष में इंसान को भेजा होगा. अभी तक अमेरिका, सोवियत यूनियन (अब रूस) और चीन ही ऐसा कर पाए हैं.


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