Heart Failure Treatment: वैज्ञानिकों ने एक ऐसा अनोखा पैच तैयार किया है जो दिल को ठीक करने में मदद कर सकता है. यह खोज उन मरीजों के लिए एक वरदान साबित हो सकती है, जो गंभीर हार्ट फेलियर से जूझ रहे हैं. जिन्हें हार्ट ट्रांसप्लांट या महंगे कृत्रिम हार्ट पंप की जरूरत होती है. इस रिसर्च के अनुसार दुनियाभर में 64 मिलियन से अधिक लोग हार्ट फेलियर से पीड़ित हैं. जिसका कारण हार्ट अटैक, हाई ब्लड प्रेशर और कोरोनरी आर्टरी डिजीज हो सकता है.


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कैसे काम करता है यह अनोखा हृदय पैच?


वैज्ञानिकों ने बायोलॉजिकल ट्रांसप्लांट तकनीक का इस्तेमाल कर एक ऐसा पैच तैयार किया है जो दिल की सिकुड़ने (संकोचन) की क्षमता को बहाल कर सकता है. जर्मनी के यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर गॉटिंगेन के प्रोफेसर इंगो कुट्स्का के अनुसार, 'यह पहली बार है जब लैब में विकसित जैविक ट्रांसप्लांट इस्तेमाल हुआ है जो दिल की मांसपेशियों को मजबूत और स्थिर करने की क्षमता रखता है.'


कैसे बनाया गया यह पैच?


यह पैच खून से लिए गए कोशिकाओं से बनाया गया है. जिन्हें स्टेम सेल की तरह फिर से प्रोग्राम किया जाता है. इन कोशिकाओं को दिल की मांसपेशी और संयोजी ऊतक कोशिकाओं में बदला जाता है. इन्हें कोलेजन जेल में विकसित किया जाता है और एक विशेष सांचे में ढाला जाता है. इन हेक्सागोनल पैचों को एक झिल्ली पर लगाया जाता है. जो मानव शरीर के लिए लगभग 5 सेमी x 10 सेमी आकार की होती है.


युवाओं जैसा मजबूत दिल देने का दावा


इस रिसर्च के सह-लेखक प्रोफेसर वोल्फ्राम-ह्यूबर्टस जिमरमैन ने बताया कि यह पैच 4 से 8 साल के युवा दिल जैसी विशेषताओं वाला होता है. उन्होंने कहा कि हम हार्ट फेलियर से जूझ रहे मरीजों में युवा दिल की मांसपेशियां प्रत्यारोपित कर रहे हैं, जिससे उनके दिल की कार्यक्षमता में सुधार हो सकता है.


क्या यह पैच सुरक्षित है?


वैज्ञानिकों के अनुसार सीधे दिल की मांसपेशी कोशिकाओं को इंजेक्ट करने से गांठ (ट्यूमर) बनने या अनियमित धड़कन (एरिदमिया) जैसी घातक समस्याएं हो सकती हैं. लेकिन यह नया पैच इन सभी खतरों को कम करता है और अधिक संख्या में दिल की कोशिकाओं को सुरक्षित रूप से दिल तक पहुंचाने में मदद करता है.