ग्रीनलैंड में बर्फ के नीचे दबा था कोल्ड वॉर का `सीक्रेट सिटी`, दशकों बाद NASA ने खोज निकाला
Underground City In Greenland: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने ग्रीनलैंड में बर्फ की मोटी परतों के नीचे दबे एक `अंडरग्राउंड शहर` को खोज निकाला है. इसे कोल्ड वॉर के दौर में अमेरिकी सेना ने सीक्रेट बेस के रूप में बनाया था.
US Army Secret Base In Greenland: NASA के वैज्ञानिकों ने शीतयुद्ध (Cold War) के दौर का एक 'गुप्त शहर' खोज निकाला है. यह जगह दशकों से ग्रीनलैंड में बर्फ की परतों के नीचे दबी हुई थी. अप्रैल 2024 में एक वैज्ञानिक सर्वे के दौरान, NASA के Gulfstream III एयरक्राफ्ट ने इस 'सीक्रेट सिटी' को खोजा. यह असल में अमेरिकी सेना का एक बेस 'कैंप सेंचुरी' है, जिसे 1960 के दशक में बनाया गया था. NASA के एयरक्राफ्ट पर बर्फ की गहराई मापने के लिए रडार लगे हुए थे. उसी से बर्फ में दफन इस शहर का पता लगा.
NASA की जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी (JPL) के चैड ग्रीन ने कहा, 'हम बर्फ की चादर की तलाश कर रहे थे और कैंप सेंचुरी सामने आ गया. पहले तो हमें नहीं पता था कि यह क्या है. नए डेटा में, सीक्रेट सिटी की अलग-अलग संरचनाएं इस तरह से दिखाई दे रही हैं, जैसा पहले कभी नहीं देखा गया.'
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मिसाइलें छिपाने के लिए US ने बनाया था बेस
यह आर्मी बेस दशकों तक दुनिया की नजरों से छिपा रहा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह बेस कोल्ड वॉर के समय के एक टॉप सीक्रेट प्रोजेक्ट, Project Iceworm का हिस्सा था. अमेरिकी सेना उत्तरी ग्रीनलैंड में 4,000 किलोमीटर से भी लंबी सुरंगें बनाना चाहती थी. मकसद था कि वहां पर मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें (IRBMs) छिपाई जा सकें ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें सोवियत यूनियन के खिलाफ लॉन्च किया जा सके.
कैंप सेंचुरी को 1959 में बनाया गया था. बर्फ की परतों में सुरंगें बनाई गई थीं लेकिन 1967 में इसे यूं ही छोड़ दिया गया. एक तो प्रोजेक्ट की लागत बहुत ज्यादा थी, ऊपर से सुंरगें ढहने लगी थीं. सुरंगों को शुरू में बर्फ के माध्यम से लॉन्च के दबाव को झेलने में सक्षम मिसाइलों को रखने के लिए डिजाइन किया गया था.
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ग्रीनलैंड को खतरा!
ग्रीनलैंड में जमा बर्फ की चादर अब पिघलने लगी है और एक नया खतरा पैदा कर रही है. इस सीक्रेट बेस से हथियार, ईंधन और अन्य प्रदूषक सहित खतरनाक अवशेष जल्द ही दुनिया के सामने आ सकते हैं. अमेरिकी सरकार ने 2017 में एक बयान जारी कर जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न जोखिमों को स्वीकार किया. यूएस ने इस मुद्दे को हल करने के लिए डेनमार्क और ग्रीनलैंड के अधिकारियों के साथ काम करने का वादा किया था.