पूरे समुद्र में `अकेली` है यह डॉल्फिन, खुद से करती रहती है बातें; वैज्ञानिकों ने रिकॉर्ड कर ली आवाज
Science News: वैज्ञानिकों ने बाल्टिक सागर में मौजूद एक `अकेली` डॉल्फिन को खुद से बातें करते सुना है. उन्होंने रिकॉर्डिंग डिवाइस के जरिए उसकी आवाजें रिकॉर्ड कीं, तब इस बात का पता चला.
Science News in Hindi: बाल्टिक सागर में एक ऐसी डॉल्फिन का पता चला है कि जो खुद से बातें करती है. उसके आसपास कोई दूसरी डॉल्फिन नहीं, जिससे वह बतिया सके. वैज्ञानिकों ने इस डॉल्फिन की आवाजें रिकॉर्ड कर लीं. जब उन्हें सुना गया तब अहसास हुआ कि डॉल्फिन तो अपने आप से ही बात कर रही है. यह एक बॉटलनोज डॉल्फिन है जिसका नाम 'डेले' रखा गया है. इसे डेनमार्क के स्वेन्डबोर्गसंड चैनल के पास खुद से बात करते हुए देखा गया. हमारी तरफ, डॉल्फिन भी सामाजिक जीव होती हैं. वे समूह में रहती हैं और एक-दूसरे के साथ खेलते समय 'मुस्कुराती' रहती हैं.
रिकॉर्डिंग सुनकर दंग रह गए एक्सपर्ट
स्टडी की लीड ऑथर और दक्षिणी डेनमार्क यूनिवर्सिटी में सिटेसियन बायोलॉजिस्ट, ओल्गा फिलाटोवा ने 'लाइव साइंस' को बताया, 'जिज्ञासावश, मैंने एक रिकॉर्डर जोड़ने का फैसला किया जो वास्तविक ध्वनियों को पकड़ता है. मैंने सोचा था कि हमें शायद दूर की सीटियां या कुछ वैसी आवाजें सुनाई देंगी. मैं हजारों तरह की अलग-अलग आवाजें रिकॉर्ड हो जाएंगी, ऐसा नहीं सोचा था.'
रिकॉर्डिंग में अलग-अलग फ्रीक्वेंसी की कई आवाजें दर्ज की गईं. इनमे क्लिक से लेकर सीटियां और अन्य आवाजें शामिल हैं. रिसर्च टीम ने 69 दिनों से अधिक की रिकॉर्डिंग में 10,883 आवाजें दर्ज कीं. उनमें सीटियों की जो तीन अलग-अलग आवाजें थीं, वे सभी डॉल्फिन ने निकाली थीं. फिलाटोवा के मुताबिक, 'बॉटलनोज डॉल्फिनों में से हर एक की सीटी अनोखी मानी जाती है, काफी कुछ एक नाम की तरह.'
यह भी पढ़ें: जब बजती है 'मौत की सीटी' तो एक चीख सी सुनाई देती है, दिमाग में मच जाती है खलबली; रिसर्च में खुलासा
फिलाटोवा ने कहा, 'अगर हमें यह नहीं पता होगा कि डेले अकेली है तो शायद हमने मान लिया होता कि कम से कम तीन डॉल्फिन आपस में बात कर रही हैं. ऐसी आवाजों को आमतौर पर बात करने वाला माना जाता है, यानी वहां कम से कम दो डॉल्फिन एक-दूसरे से बात करती होनी चाहिए. लेकिन डेले बिल्कुल अकेली थी.'