Artemis Mission III Mission Moon: नासा जिस तरह आर्टेमिस को कामयाब बनाने के लिए लगातार मेहनत कर रहा है अब लग रहा है कि जल्द ही Artemis Mission में वैज्ञानिकों को सफलता मिलने वाली है, लेकिन हाल ही में फ्यूल लीक के चलते दोबारा Artemis-I की लॉन्च को आगे के लिए टालना पड़ा था. इससे वैज्ञानिकों को निराशा हुई, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी है. आर्टेमिस-1 के अगली लॉन्च विंडो की तारीख आ चुकी है. अब 23 सितंबर को इसे फिर से लॉन्च किया जाएगा. साल 2024 तक इंसानों को चांद पर भेजने के लिए नासा ने टारगेट तय किया है. स्पेस इंसानों को जिंदा रहने के लिए सबसे पहले जरुरत स्पेससूट की होती है.


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Axiom Space को नासा ने दिया स्पेससूट का ऑर्डर


जिस स्पेससूट के बिना स्पेस में जाने की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. उसे बनाने के लिए नासा ने दो स्पेससूट वेंडर्स के प्रपोजल का रिव्‍यू किया था, जिसमें नासा को ने एक्सिओम स्पेस  (Axiom Space) पर भरोसा जताया है. नासा ने अपने एक बयान में कहा कि टास्क ऑर्डर के लिए एक्सिओम स्पेस  (Axiom Space) को स्पेसेसूट बनाने के लिए चुना गया है, जिसकी बेस वैल्‍यू 228.5 मिलियन डॉलर है. आपको बता दें कि नासा के एक्स्ट्राव्हिकुलर एक्टिविटी एंड ह्यूमन सरफेस मोबिलिटी प्रोग्राम की मैनेजर लारा किर्नी (Lara Kearney) हैं और लारा किर्नी ने कहा कि आर्टेमिस III मिशन का एक्सपिरिएंस हमारे भविष्य के मिशन को और आसान बनाएगा. इसके साथ आने वाले दिनों में यह मंगल मिशन में भी मदद करेगा.


Axiom Space का और क्या है काम


नासा ने Axiom Space को स्पेससूट के आलावा सर्पोटिव इक्विपमेंट के डिजाइन, डेवलपमेंट और प्रोडक्‍शन की भी जिम्मेदारी दी है. इंसानों को चांद पर आर्टेमिस III मिशन के तहत भेजना तय हुआ है. इसके लिए 2024 तक का टार्गेट तय किया है.  इससे पहले अं‍तरिक्ष यात्रियों (Astronauts) की ट्रेनिंग नासा के एक्सपर्ट्स के देख रेख में की जाएगी और स्पेससूट को चेक भी किया जाएगा.


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