Croatia: अचानक हुए 100 गड्ढे तो दहशत में आ गए लोग, PICS से जानिए कैसे हैं ये Sinkhole

जागरेब: क्रोएशिया (Croatia) में साल 2021 की शुरुआत से ठीक पहले यानी 29 और 30 दिसंबर को राजधानी जागरेब समेत देश के कुछ हिस्सों में आए भूकंप के झटकों ने लोगों को दहला दिया था. भूकंप इतना तेज था कि जिसका असर क्रोएशिया के अलावा पड़ोसी देशों सर्बिया और बोस्निया में भी महसूस हुआ. आपदा में 5 की मौत और कई लोग घायल हो गए थे वहीं कई घरों और इमारतों को काफी नुकसान पहुंचा था. इसके ठीक बाद धरती तो नहीं डोली लेकिन बिना किसी को डराए राजधानी से 40 किलोमीटर दूर मेसेनकानी नामक गांव में नए साल से ही जमीन में अजीबोगरीब हलचल हुई वहीं पड़ोसी बोरोजेविसी में भी अचानक से एक सिंकहोल (Sinkhole) बन गया. सिंकहोल करीब 98 फीट व्यास का है और 49 फीट गहरा है. सिंक होल्स मतलब धरती का फटना. पिछले कई सालों से इस तरह के जमीन के धंसने की घटनाएं बढ़ती जा रही है.

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आपदा या अजूबा?

IFLScience में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक क्रोएशियाई भूवैज्ञानिक संस्थान के अधिकारियों ने बताया कि, जनवरी के अंत तक, अलग-अलग आकार के कम से कम 54 जगहों पर सिंकहोल बनने की सूचना मिली थी. वहीं मार्च आते आते इन दो गांवों और उनके आसपास 100 से अधिक सिंकहोल बन चुके थे.

 

फोटो साभार: (Reuters)

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दो गांव बने शोध का विषय

सिंक होल्स बनने के पीछे कई कारण है. लाखों सालों से प्रकृति ने चट्टानों के रूप में एक के ऊपर एक सतह बनाते हुए पत्थरों का निर्माण किया है. जब यह चट्टाने चूना पत्थर या डोलोमाइट और जिप्सम की बनी होती है, जब इनमें छेद हो जाते है और पानी भर जाता है. तो ये पानी अंदर ही अंदर चट्टान को खोखला कर देता है और जब यह चट्टान खोखली होकर कमजोर हो जाती है तो ढहने लगती है.

 

फोटो साभार: (iflscience.com)

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मार्च 2021 तक बने 100 से ज्यादा सिंकहोल

कुछ गहरे गड्ढे यानी सिंकहोल ग्रामीण इलाकों में उभर रहे थे, लेकिन कई लोगों के घरों में भी ऐसी हलचल देखी गई यानी बिना भूकंप वहां सिंकहोल बने और ईंटें गिर गईं और इमारतों में दरारें दिखाई देने लगीं. इससे लोगों में दहशत देखी गई.

 

फोटो साभार: (iflscience.com)

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इस तरह बनते हैं सिंकहोल

कई बार जब सूखे के बाद बारिश आती है तो सूखे के दौरान फटी हुई जमीन के अंदर जाकर ऊपरी सतह को अलग कर देती है. और ये छिछली सतह धंस कर सिंक होल बनाती है. वहीं भू स्खलन होने पर ये चट्टानें अपनी परतें उधेड़ने लगती है और यही परतें बड़े गड्ढों का निर्माण कर सिंक होल्स बनाती हैं.

 

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भूकंप आना जरूरी नहीं

दूसरे मनुष्य द्वारा गलत तरीकों से भूमी का शोषण कर निर्माण करना भी कारण है. भरी मात्रा में खनन मतलब माइनिंग करना. खनिज तत्वों के लिए अंधाधुंध खनन करना मुख्य कारण है. चट्टानों को काटकर भवन निर्माण करना. लेकिन यहां पर शोध कर रहे वैज्ञानिकों का कहना है कि कुछ लोगों के घरों के आंगन में या फिर घर के पीछे की दीवार के नीचे इन सिंकहोल का बनना यहां के सभी निवासियों के लिए खतरनाक है. हालांकि ये जरूरी नहीं है कि भूकंप आने के बाद ही इनका निर्माण होता हो.

 

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वैज्ञानिकों का शोध जारी

क्रोएशिया में कई दर्जन प्राकतिक गुफाएं (Cave) हैं जिनमें से तीन 3,261 फीट से अधिक गहरी हैं. ये गहरी भूमिगत गुफाएं पानी की निकासी से बनती हैं, जो थोड़ा अम्लीय होता है, जो धीरे-धीरे थोड़ा घुलनशील आधार, जैसे चूना पत्थर की परत को मिटा देता है. इस तरह इन गुफाओं के संरचनात्मक बदलाव से भी सिंकहोल बन सकते हैं.

 

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भूकंप के बाद सिंकहोल बनना जरूरी नहीं

सिंकहोल भूकंपीय झटकों का एक विशिष्ट लक्षण नहीं हैं, लेकिन वे क्रोएशिया में इनका बहुतायतम में मिलना वैज्ञानिकों को भी हैरान कर रहा है. 

 

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परेशान है स्थानीय लोग

मेसेनकानी गांव के लोग इन घटनाक्रमों से परेशान हैं. उन्होंने कहा, 'वो लोग बहुत ही ज्यादा बुरी हालत में हैं. यहां चारों तरफ बने सिंकहोल किसी भी दिन हमें निगल सकते हैं. हो सकता है कि हमें कुछ दिन में सरकार के कहने पर ये जगह छोड़नी पड़े. ये गड्ढे बेहद खतरनाक हैं, क्योंकि ये अचानक बनते हैं जिनमें पानी भर जाता है.

 

फोटो साभार: (iflscience.com)

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