Ram Setu Satellite Photo: भारत और श्रीलंका के बीच मौजूद 'राम सेतु' का उल्लेख 'रामायण' में मिलता है. इसे 'एडम्स ब्रिज' के नाम से भी जाना जाता है. यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) ने अंतरिक्ष से 'राम सेतु' की झलक दिखाई है. ESA ने 21 जून को सैटेलाइट की मदद से एडम्स ब्रिज का हाई-रेजोल्यूशन फोटो जारी किया. यह तस्वीर कोपरनिकस सेंटिनल-2 सैटेलाइट से ली गई है.


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'राम सेतु' की लंबाई 48 किलोमीटर है. यह भारत के दक्षिणी तट पर स्थित रामेश्वरम को श्रीलंका के उत्तर-पश्चिमी तट से जोड़ता है. यह पुल मन्नार की खाड़ी (दक्षिण), जो हिंद महासागर का प्रवेशद्वार है, को पाक जलडमरूमध्य (उत्तर), जो बंगाल की खाड़ी का प्रवेशद्वार है, से अलग करता है.


'राम सेतु' या एडम्स ब्रिज का सैटेलाइट फोटो (Credit : ESA)

कैसे बना 'राम सेतु'?


'रामायण' के अनुसार, वानरों ने रावण की लंका तक पहुंचने के लिए इस पुल का निर्माण किया था. जियोलॉजिकल सबूत बताते हैं कि ये चूना पत्थर की चट्टानें उस जमीन के अवशेष हैं जो कभी भारत और श्रीलंका को जोड़ती थी. अभिलेखों के अनुसार, यह प्राकृतिक पुल 15वीं शताब्दी तक पार करने लायक था. बाद के सालों आए तूफानों के चलते यह धीरे-धीरे नष्ट हो गया.


ESA ने तस्वीर जारी करते समय कहा कि 'राम सेतु' पर कुछ रेत के टीले सूखे हैं. पानी के हल्के रंग से पता चलता है कि यहां समुद्र बहुत उथला है. कहीं-कहीं केवल 1-10 मीटर गहराई है.



उथले पानी में मिलती हैं मछलियां और घास की कई प्रजातियां


एजेंसी के मुताबिक, मन्नार द्वीप लगभग 130 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. यह श्रीलंका की मुख्य भूमि से एक सड़क पुल और एक रेलवे पुल द्वारा जुड़ा हुआ है, जो द्वीप के दक्षिणी छोर पर दिखाई देता है. एडम्स ब्रिज के उल्टी दिशा में, रामेश्वरम द्वीप है जिसे 'पंबन द्वीप' के नाम से भी जाना जाता है. 2 किलोमीटर लंबे पंबन ब्रिज के जरिए भारतीय मुख्य भूमि से यहां पहुंचा जा सकता है. द्वीप पर दो मुख्य शहर हैं- पंबन जो पश्चिमी छोर पर है और रामेश्वरम जो पंबन से लगभग 10 किलोमीटर पूर्व में है.


ESA के अनुसार, पुल के दोनों हिस्से अपने-अपने देशों में संरक्षित राष्ट्रीय उद्यानों का हिस्सा हैं. एजेंसी ने बताया कि जबकि मछलियों और समुद्री घास की कई प्रजातियां उथले पानी में पनपती हैं. इस पुल के आसपास समुद्र में डॉल्फिन, डुगोंग और कछुए पाए जाते हैं.